सोमवार, 12 जून 2017

पागा कलगी -34 //4//धनसाय यादव

** विषय- कर ले खेती किसानी के तियारी **
भूईया के भगवान तै किसान 
कर ले बाउग के तियारी,
मेहनत तोर जग के बियारी,
भूईया के भगवान तै किसान ।
चतवार तै खेती,
बीन ले काटाखूंटी,
खान के खनती,
पाट भरका अउ मुंही ।
घुरवा के गोबर खातू,
पाल सब ले आघू,
बीजहा ल फून पछिन,
कोदईला,बदौरी ल बीन ।
नांगर नवा सिरजा,
नवां परचाली लगा,
नाहना जोता बना,
तुतारी कोर्रा बना ।
बीजबोनी बीसा,
कमरा, खुमरी बना,
लोचनी कनिहा ओरमा,
रापा कुदारी ल पजा ।
बस बरसा के अगोरा,
तियार बाउग के घोड़ा,
चाबुक तुतारी कोर्रा,
हरियाही धरती के कोरा ।
होही जब फसल भरपूर,
दुःख दरिदर होती दूर,
बजही चैन के बंसरी,
सुफल होही खेती किसानी के तियारी ।
भूईया के भगवान तै किसान
भूईया के भगवान तै किसान
*** धनसाय यादव, पनगांव-बलौदा बाजार ***

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