सोमवार, 6 जून 2016

पागा कलगी-11 //जगदीश"हीरा"साहू

🇮🇳बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ 🇮🇳

ये दुनिया मा आये के रस्ता देखत हे बेटी, कोंख मा झन मार दौ । 
जग मा तुंहर नाव जगाहि, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।। 

दो-दो कुल के नाम जगाथे एक बेटी हर पढ़के । 
हमर देश के झंडा फहराहि आसमान मा चढ़के ।। 

हर मौका देथौ बेटा ला , बेटी ला एक बार दौ । 
जग में तुंहर नाम जगाही, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।। 

आगु बढ़त हे अब बेटी, झन रोकव रस्ता एकर । 
देवता घलो शीश झुकाथे, आगु मा जेकर ।।

 वो बेटी अनमोल हे जग मा, नफरत नहीं ओला प्यार दौ ।
जग मा तुंहर नाम जगाही, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।।

🇮🇳जगदीश"हीरा"साहू🇮🇳
कड़ार (भाटापारा)

पागा कलगी-11//जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

सिक्छा बेटी के
कतिक दिन ले सुते रहू,
अब तो आँखी उघार देव।।
बेटी ल घलो बेटा कस,
सिक्छा संस्कार देव.......।।
भले देस-राज,घर-दुवार,
खेत-खार जतने हे ।
तभो ओखर सपना,
आज घलो सपने हे ।
नई कहि सके मन के गोठ,
आंसू ल अपन पीये हे ।
दबे-दबे आज तक,
बेटी महतारी जीये हे ।।
बिगड़े परिपाटि ल,
झटकुन सुधार देव..........।।
बेटी ल घलो बेटा कस,
सिक्छा संस्कार देव..........।।
बेटी के हाल आज,
खेती कस होगे हे।
भाय नही कोनो,
बेंच-भांज के सोगे हे।
बिधाता बर सबो,
मनखे बरोबर हे ।
तभो बेटा के आस अतीक,
काबर घरोघर हे?
भेदभाव के गघरी ल,
धरके कचार देव...........||
बेटी ल घलो बेटा कस,
सिक्छा संस्कार देव........||
लिखहि-पढ़ही ,
तभे आघू बढ़ही ।
त बेटी घलो अपन,
मन के कुछु करही।
लड़ही बिपत अउ,
समाज के बुराई ले।
पढ़ाये बेटी ल,
बिनती हे ददा-दाई ले।
पढाके बेटी ल,
अपन संसो-फिकर ल मार देव.....||
बेटी ल घलो बेटा कस,
सिक्छा संस्कार देव.................||

जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
9981441795
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गुरुवार, 2 जून 2016

पागा कलगी-11 //श्रीमती लता चन्द्रा

बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।
स्नेह, प्रेम अउ दुलार दौ ।।
बेटी तो अंगना के फुदकत चिरई ये,
हॉसत खेलत रहय अइसे मनुहार दौ ।
मॉ-बाप के संगी सहारा बनही,
बेटा सही ओला अधिकार दौ ।
देश के नाम ला रोशन करही,
शिक्षा म ध्यान बारम्बार दौ ।
बेटी करही दूनो कुल म अंजोर,
बेटी ला खुशी के संसार दौ ।
मइके ससुरार दूनो नइया ला ओ हर,
पार कर डरय अइसन पतवार दौ ।
बेटी बैरी ला मात दे सकय,
ओखर हाथ म अइसन तलवार दौ ।
-श्रीमती लता चन्द्रा
बालको नगर, कोरबा
मो. 8305899942

बुधवार, 1 जून 2016

पागा कलगी 10 के परिणाम


ये प्रतियोगिता के प्रारूप अइसे रहिस-
समय- दिनांक 16/5/16 से 31/5/16 तक
मंच संचालक-श्री महेश पांडे ‘मलंग‘ (छत्तीसगढ़ पागा कलगगी 3 के विजेता)
निर्णायक-
1. डॉ. संजय दानी, अध्यक्ष, हिन्दी साहित्य समिति, दुर्ग,
2. श्री राजकिशोर पांडे जी (अध्यक्ष माँ डीडी नेश्वरी साहित्य परिषद मल्हार)
विषय - मंच संचालक द्वारा दे गे चित्र के आधार मा विषय लेना हे
विधा- विधा कोनो बंधन नई हे, फेर रचना संक्षिप्त अउ गंभीर होय अइसे निवेदन हे ।
ये आयोजन मा हमर ये विद्वान संगी मन के रचना आइस-
1-श्री आचार्य_तोषण
धनगांव डौंडीलोहारा
बालोद, छत्तीसगढ़
2-श्री नवीन कुमार तिवारी ,
एल आई जी १४ / २
नेहरू नगर पूर्व ,
भिलाई नगर ,,४९००२०
छत्तीसगढ़ ,,,०९४७९२२७२१३,,,,,
3-श्रीललित साहू "जख्मी"
ग्राम-छुरा / जिला-गरियाबंद(छ.ग.)
9144992879
4-श्रीसंतोष फरिकार मयारू
गांव .देवरी भाटापारा
जिला.बलौदा बजार भाटापारा
मो . 9926113995
5-श्रीललित वर्मा,
छुरा, जिला - गरियाबंद
6-श्रीअशोक साहू, भानसोज
7-श्री ज्ञानु मानिकपुरी"दास"
चंदेनी(कवर्धा)
8-श्री सूर्यकांत गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग
9-श्री राजेश कुमार निषाद
ग्राम चपरीद ( समोदा )
10-श्री रामेश्वर शांडिल्य
हरदीबाजार कोरबा
11-श्री हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़ जिला बेमेतरा
मो. नं.-9977831273
12- सुनील साहू"निर्मोही"
ग्राम-सेलर
जिला-बिलासपुर
मो.8085470039
13-श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गांव- गोरखपुर,कवर्धा
९६८५२१६६०२
14-श्री चैतन्य जितेन्द्र तिवारी
थान खम्हरिया(बेमेतरा)
15-श्रीमती आशा देशमुख
16-श्री लक्ष्मी नारायण लहरे , साहिल,
17- श्री पवन नेताम "सुरबईहा"
ग्राम- सिल्हाटी, स/ लोहारा
जिला- कबीरधाम( छग)
मोबा- 9098766347
18-श्रीदेवेन्द्र कुमारध्रुव(डी.आर)
फुटहा करम बेलर
जिला गरियाबंद
9753524905
सब के प्रयास सराहनीय रहिस । सबके रचना मा क्रमिक रूप ले कसावट आत जात हे, येही प्रतियोगिता के उद्देश्य हे हमर रचनाकार ससशक्त होय, छत्तीसगढ़ी साहित्य सशक्त होय, आप सब जीते हव, आप सब ला बधाई अउ शुभकामना ।
ये आयोजन के पागा ला हमर निर्णायक सियान मन श्री हेमलाल साहू, अउ श्रीमती आाशा देशमुख के मुड़ मा मड़ावत हे, दूनो विजेता ला कोरी खईका बधाई अउ शुभकामना आप मन के रचना मा अउ निखार आवय ।

/‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी-11‘ के विषय//

छत्तीसगढ़ी कविता के प्रतियोगिता ‘‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी-11‘ के विषय रूपरेखा ये प्रकार होही-

समय- दिनांक 1/6/16 से 15/6/16 तक
मंच संचालक-श्रीअशोक कुमार साहू, भानसोज (छत्तीसगढ़ पागा कलगगी 4 के विजेता)
निर्णायक-
1.डां (श्रीमती) हंसा शुक्ला , वरिष्ठ साहित्यकार, रायपुर
2. श्री रामेश्वर वैष्णव, वरिष्ठ गीतकार, रायपुर
विषय - मंच संचालक द्वारा दे गे विषय -‘बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ’
विधा- विधा कोनो बंधन नई हे, फेर रचना संक्षिप्त अउ गंभीर होय अइसे निवेदन हे ।

परिणाम घोषण 17/6/16

सोमवार, 30 मई 2016

पागा कलगी-10//देवेन्द्र कुमारध्रुव(डी.आर)

देखव ऐ लईका हमन ला सेवा के सन्देश देवत हे
बिना बोले सुन्दर अकन हमनला उपदेश देवत हे 
अपन हाथ ले भूखे मनखे ल खाये बर देवत हे
सवाल हे कईसे अमीर ला हर सुविधा आला मिल जथे
फेर गरीब ला काबर खाये बर एक निवाला नई मिले...
हमन बड़े बड़े धरम करम के बात करथन
सबके दुःख मन के मरम के बात करथन
फेर काबर कोनो निहे गरीब के मदद करईया
अइसन फोकट कतको बोलनेवाला मिलजथे
फेर काबर गरीब के अंतस ल टटोलने वाला नई मिले.....
गरीब तरसत रहिथे एक एक कांवरा बर
जिंदगी बिताये खातिर घर अउ चावरा बर
झोपडी ल घलो तोड़थे बड़े दूकान बनायेबर
बस केहे के गांव शहर म धर्मशाला मिल जथे
फेर गरीब सुते सड़क म कोनो देखने वाला नई मिले.....
जिहां देखबे तिहा ज्ञान विज्ञान के बात करे जाथे
हरियर धरती पर्वत पठार आसमान के बात करे जाथे
बोले अउ लिखाये के हरे सब अच्छा इंसान के बात करे जाथे
जेती देखबे तेती गाँव गाँव भले पाठशाला मिल जथे
फेर कोनो जगह नेकी के पाठ पढ़ाने वाला नई मिले ......
भगत मन के भीड़ पूजा म मगन पुजारी
बाहिर म कोढ़ के पीरा सहत बइठे भिखारी
कोनो सोन के छत्र चढावत हे कोनो चादर
दान पेटी भरे जगमग मंदिर देवाला मिल जथे
फेर सीढ़िया म बईठे गरीब ल कोनो शाल ओढ़ाने वाला नई मिले......
आज जेन बेटी हमर घर म उजियारा बगरात हे
अपन हाथ ले हमन ल रांध के सुघ्घर खवात हे
जानथे सब बेटी हमर कुल के मान बढ़ाही
फेर उही ला कतको कोख में मारने वाला मिल जथे
काबर कोनो ओकर बने बने जतन करने वाला नई मिले ....
आज बने हन ता गरब गुमान हे अभिमान हे
सब पलट जथे तुरते बेरा बड़ा बलवान हे
परहित सेवा ल आज अपन धरम बना लौ
काबर बने म कतको पूछनेवाला मिल जथे
हालत बिगडिथे ते कोनो आँसु पोछनेवाला नई मिले .....

रचना
देवेन्द्र कुमारध्रुव(डी.आर)
फुटहा करम बेलर
जिला गरियाबंद
9753524905

पागा कलगी-10 बर//पवन नेताम "सुरबईहा"

@@ तोला दस अंगरी के परनाम @@
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मोला अन्न देवइया तोला दस अंगरी के परनाम।
दस अंगरी के परनाम,का करव मै तोर गुनगान,मोला अन्न देवइया तोला दस..
@ कतको आइन कतको गइन, नइ कोनो ह देखीस।
दु दिन ले मे भुखे परे हव, कोनो ह नइ परखीस।।
तै हावस कतका सुजान..
मोला अन्न देवइया तोला...
लड़की- का करथस बबा कहा रहिथस।
@ भीख मांग के करथव गुजारा,कोनो मेर रहि जाथव।
मिल जाथे त खा- पी लेथव, नइ तो भुखे मै सो जाथव।।
मै हावव डोकरा अनाथ..
मोला अन्न देवइया तोला...
@ जुग-जुग तेहा जिबे बेटी, मोर हावय आशीर्बाद।
भला ते सबके करबे बेटी,रहिबे सदा अबाद।।
तै दुनिया म कमाबे नाम..
मोला अन्न देवइया तोला दस अंगरी के परनाम।।
********************
रचना- पवन नेताम "सुरबईहा"
ग्राम- सिल्हाटी, स/ लोहारा
जिला- कबीरधाम( छग)
मोबा- 9098766347