सोमवार, 30 मई 2016

पागा कलगी-10//देवेन्द्र कुमारध्रुव(डी.आर)

देखव ऐ लईका हमन ला सेवा के सन्देश देवत हे
बिना बोले सुन्दर अकन हमनला उपदेश देवत हे 
अपन हाथ ले भूखे मनखे ल खाये बर देवत हे
सवाल हे कईसे अमीर ला हर सुविधा आला मिल जथे
फेर गरीब ला काबर खाये बर एक निवाला नई मिले...
हमन बड़े बड़े धरम करम के बात करथन
सबके दुःख मन के मरम के बात करथन
फेर काबर कोनो निहे गरीब के मदद करईया
अइसन फोकट कतको बोलनेवाला मिलजथे
फेर काबर गरीब के अंतस ल टटोलने वाला नई मिले.....
गरीब तरसत रहिथे एक एक कांवरा बर
जिंदगी बिताये खातिर घर अउ चावरा बर
झोपडी ल घलो तोड़थे बड़े दूकान बनायेबर
बस केहे के गांव शहर म धर्मशाला मिल जथे
फेर गरीब सुते सड़क म कोनो देखने वाला नई मिले.....
जिहां देखबे तिहा ज्ञान विज्ञान के बात करे जाथे
हरियर धरती पर्वत पठार आसमान के बात करे जाथे
बोले अउ लिखाये के हरे सब अच्छा इंसान के बात करे जाथे
जेती देखबे तेती गाँव गाँव भले पाठशाला मिल जथे
फेर कोनो जगह नेकी के पाठ पढ़ाने वाला नई मिले ......
भगत मन के भीड़ पूजा म मगन पुजारी
बाहिर म कोढ़ के पीरा सहत बइठे भिखारी
कोनो सोन के छत्र चढावत हे कोनो चादर
दान पेटी भरे जगमग मंदिर देवाला मिल जथे
फेर सीढ़िया म बईठे गरीब ल कोनो शाल ओढ़ाने वाला नई मिले......
आज जेन बेटी हमर घर म उजियारा बगरात हे
अपन हाथ ले हमन ल रांध के सुघ्घर खवात हे
जानथे सब बेटी हमर कुल के मान बढ़ाही
फेर उही ला कतको कोख में मारने वाला मिल जथे
काबर कोनो ओकर बने बने जतन करने वाला नई मिले ....
आज बने हन ता गरब गुमान हे अभिमान हे
सब पलट जथे तुरते बेरा बड़ा बलवान हे
परहित सेवा ल आज अपन धरम बना लौ
काबर बने म कतको पूछनेवाला मिल जथे
हालत बिगडिथे ते कोनो आँसु पोछनेवाला नई मिले .....

रचना
देवेन्द्र कुमारध्रुव(डी.आर)
फुटहा करम बेलर
जिला गरियाबंद
9753524905

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