विषय-‘‘आसो मोरो अँगना म बरस जा रे बादर‘‘
आसो मोरो अंगना में बरस जा रे बादर
,पावस के करिया बदरी आजा बे मोरो अंगना दुवारी ,
देश बिदेश घुमत हावस,
परदेश मा लुकावत हावस
उमड़ घुमड़ के चमकावत हावस
फेर दू बूंद के पावस तरसावत हावस
खेत खलिहान सुखा गे
झिरिया पोखर अटा गे
किसान के झोखा मढ़ा दे
मोअरो अंगना में बरस जा रे बादर
नवीन कुमार तिवारी
आसो मोरो अंगना में बरस जा रे बादर
,पावस के करिया बदरी आजा बे मोरो अंगना दुवारी ,
देश बिदेश घुमत हावस,
परदेश मा लुकावत हावस
उमड़ घुमड़ के चमकावत हावस
फेर दू बूंद के पावस तरसावत हावस
खेत खलिहान सुखा गे
झिरिया पोखर अटा गे
किसान के झोखा मढ़ा दे
मोअरो अंगना में बरस जा रे बादर
नवीन कुमार तिवारी