बुधवार, 17 मई 2017

पागा कलगी -33//9//ज्ञानु'दास' मानिकपुरी

कुंडली छंद-देश बर जीबो मरबो
मरना जीना देश बर,करो देश हित काम।
छोड़व स्वारथ के करम,हौवे जग मा नाम।।
हौवे जग मा नाम,देश के सेवा करबो।
बैर कपट ला छोड़,दुःख पीरा ला हरबो।।
जात पाँत ला छोड़,संगमा सबके रहना।
छोड़ राग अउ द्वेष,देश बर जीना मरना।।
ज्ञानु'दास' मानिकपुरी
चंदेनी कवर्धा

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