// बेरा - पहिली पखवाडा अप्रैल 2017 //
// विषय - झोला छाप डाक्टर //
सृष्टि में जब जीव के होईस हे संचार ।
संगे संग विधाता दिस बीमारी के मार ।।
संगे संग विधाता दिस बीमारी के मार ।।
प्राण खातिर मनवा करिस लाख उदिम ।
पान पतउवा जड़ी बूटी करू कासा ल जिम ।।
पान पतउवा जड़ी बूटी करू कासा ल जिम ।।
परयोग करिस अउ परखिस अपनेच खातिर ।
धीरे धीरे सब ल सोधित अउ होगे माहिर ।।
धीरे धीरे सब ल सोधित अउ होगे माहिर ।।
नाम धराइस हथोई, हाकिम अउ बैद्यराज ।
बिन स्वारथ दुखिया मन के लगे करींन इलाज ।।
बिन स्वारथ दुखिया मन के लगे करींन इलाज ।।
बिमरहा अपन्गहा रोवत आवय इनकर द्वार ।
कुलकत हांसत होके चन्गा जावय घरद्वार ।।
कुलकत हांसत होके चन्गा जावय घरद्वार ।।
भुइयाँ के भगवान डाक्टर, आये जब मरीज ।
2 रुपिया के गोली बर लेवय 200 रू फीस ।।
2 रुपिया के गोली बर लेवय 200 रू फीस ।।
गरीब मजदूर अतका मंहगा कैसे कराही इलाज ।
सस्ता इलाज खातिर मिले डाक्टर झोला छाप ।।
सस्ता इलाज खातिर मिले डाक्टर झोला छाप ।।
सच्चा डाक्टर सेवा भाव ले करही जब इलाज ।
तब काबर कोई जाही झोला छाप के पास ।।
तब काबर कोई जाही झोला छाप के पास ।।
दुसर बात हे डाक्टर के शहर में हे अस्पताल ।
बेरा कुबेरा दूर दराज के मरीज कैसे कराही इलाज ।।
बेरा कुबेरा दूर दराज के मरीज कैसे कराही इलाज ।।
सरी जग हे अजरहा, डाक्टर दू ले चार ।
जाऊन मिले तउने मेर कराथे उपचार ।।
जाऊन मिले तउने मेर कराथे उपचार ।।
झोला छाप नोहय कोनो छूत के बीमारी ।
पडत जेकर छाईहा फैले कोई महमारी ।।
पडत जेकर छाईहा फैले कोई महमारी ।।
अज्ञानी अधकचरा ज्ञानी झोला छाप के हे बाढ़ ।
धन के लालच म जान से करत हे खिलवाड़ ।।
धन के लालच म जान से करत हे खिलवाड़ ।।
बिस्तुर झोला छाप बंद हो, न ककरो जान से हो खिलवाड़ ।
लुके छिपे कहू करत इलाज मिले त पड़े जब्बर डॉढ़ ।।
लुके छिपे कहू करत इलाज मिले त पड़े जब्बर डॉढ़ ।।
खासी खोखी अपच उल्टी सर्दी हो या दस्त ।
अस्पताल पहुचे के पहिली झन हो पावय असक्त ।।
अस्पताल पहुचे के पहिली झन हो पावय असक्त ।।
निरापद अउ असर कारी , 10 – 20 दवाई हो सरकारी ।
प्राथमिक ऊपचार के खातिर पारा मोहल्ला म एक ल दे दव जिम्मेदारी ।।
प्राथमिक ऊपचार के खातिर पारा मोहल्ला म एक ल दे दव जिम्मेदारी ।।
जैसे हर जन /चोर के पाछू नइ हो सकय पुलिस इंस्पेक्टर ।
वैसे हर मरीज के पाछू समय म नई हो सकय नर्स डाक्टर ।।
वैसे हर मरीज के पाछू समय म नई हो सकय नर्स डाक्टर ।।
धनसाय यादव





