मंगलवार, 13 सितंबर 2016

पागा कलगी-17//5//आशा देशमुख

जय जय श्री गणेशा
1 ....पहिली पूजा के अधिकारी ,मोर गजानन लाला ,
सेवा मा दुनियां बइठे हे ,तोर गजानन लाला |
सब गण चलथे आघू पाछू , तै मुसवा मा बइठे ,
चारो कोती गूँजत हावय ,शोर गजानन लाला |
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2.....जगत के डोंगा ,खेवइया गजानन ,
करम के दुख ला ,मेटइया गजानन |
मया के छल मा गा मनखे बँधाए ,
सकल जीनिस के, देवइया गजानन |
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आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
12 .9.2016 सोमवार

रविवार, 11 सितंबर 2016

पागा कलगी-17//4//सुखदेव सिंह अहिलेश्वर

बहर--222 222 122 122
काफिया-- अव।
रदीफ-- गा।
मुक्तक(01)
भैया मन जय जय श्री गणेशा भजव गा।
जुरमिल के गणनायक गजानन कहव गा।।
दाई गौरी के लाल गणपति दुलारा,
नावे ला ओकर रोज सुत उठ भजव गा।
मुक्तक(02)
हे लम्बोदर महराज अरजी करव गा।
मनखे मन मा सद्भाव मनभर भरव गा।।
भाई-चारा के संग सबझन कमावय,
उंकर जांगर ला पोठ समरथ करव गा।
रचना:- सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा
9685216602

सोमवार, 5 सितंबर 2016

//पागा कलगी 16 के परिणाम //



अवधि-16 अगस्त16 से 31 अगस्त तक
विषय- दे गे चित्र के अनुसार
संचालक- श्री आचार्य तोषण चुरेन्द (पागा कलगी-7 के विजेता)
निर्णायक-श्री दीनदयाल साहू, सहायक संपादक चौपाल, हरिभूमि

ये आयोजन कुल 23 रचनाकार संगीमन के रचना प्राप्त होइस, सबो संगी मन हृदय ले आभार ।
ये अंक के निर्णायक श्री दीनदयाल साहू, सहायक संपादक चौपाल हरिभूमि हा जम्मो रचना के तारिफ करत ये आयोजन के प्रशंसा करत सबो रचनाकार ला बधाई कहे हे अउ अवइया अंक बर सबो रचनाकार ला शुभकामना पठोय हे ।
छत्तीसगढ़ मंच डहर ले आदरणीय साहूजी के बहुत बहुत आभार ।
पागा कलगी 16 के पागा निर्णायक के अनुसार ये प्रकार पहिराये जात हे -

पहिली विजेता-जीतेन्द्र वर्मा ‘खैरझिटिया‘
बालको;कोरबा
9981441795
दूसर विजेता-राजेश कुमार निषाद
ग्राम चपरीद ; समोदा द्ध
9713872983

तीसर विजेता-निशा रानी
जाँजगीर
छत्तीसगढ़

प्रशंसा के योग्य-
सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
गोरखपुर,कवर्धा
अउ
टीकाराम देशमुख ‘करिया‘
स्टेशन चउक कुम्हारी, जिला .दुरुग ;छण्गण्द्ध
मोबा.९४०६३ २४०९६

छत्तीसगढ़ मंच डहर जम्मो विजेता संगी मन ला अंतस ले बधाई , इंखर संगे संग बाकी सबो रचनाकार मन के ये आयोजन मा भाग ले बर आभार अउ विश्वास के अवइया अंक मा अइसने बढ़-चढ़ के हिस्सा लेहव ।
धन्यवाद

रविवार, 4 सितंबर 2016

पागा कलगी-17//2//दिलीप वर्मा

रसता जोहत बइठे हाबन,जय जय श्री गणेशा।
हमरो घर मा कब ते आबे,जय जय श्री गणेशा।
तोरे पूजन खातिर भगवन,फुल माला धरे हन। 
मोदक तोला अड़बड़ भाथे,जय जय श्री गणेशा। ।।1।।
भोले के तै लाल गणेशा।
तन हे बड़ बिकराल गणेशा।
मूसक के तै करच सवारी।
टारच तै जन जाल गणेशा। ।।2।।
दिलीप वर्मा
बलौदा बाज़ार

शनिवार, 3 सितंबर 2016

पागा कलगी-17//1//देवन ध्रुव

मुक्तक 1
ऐहर जग मा पहली पूजा के अधिकारी हे।
दाई ऐकर गौरी, बाबू हा त्रिपुरारी हे।।
शोभा बरनत हावव मैहर तो गणनायक के।
वाहन ऐकर मूसक,काया हा अतिभारी हे।।
मुक्तक 2
मानय तोला सब झन,भगतन बर हितकारी हे।
ऐ जग के सब मनखे,तोरे बर बलिहारी हे।।
करथस मंगल सब बर,जनमानस तरईया तै।
किरपा के तै सागर,अधरे ले चिनहारी हे।।
-देवन ध्रुव

पागा कलगी 17 के विषय

//पागा कलगी 17 के रूपरेखा//
अवधि-1 सितम्बर 16 से 15 सितम्बर तक
विषय- ‘जय जय श्री गणेशा‘
संचालक- श्री चैतन्य जितेन्द्र तिवारी (पागा कलगी-7 के विजेता)
निर्णायक-परम आदरणीय मुकुन्द कौशल, वरिष्ठ साहित्यकार, गजलकार
नियम-छत्तीसगढ़ी कविता के प्रतियोगिता पागा कलगी 17 के रचना सीधा छत्तीसगढ़ी मंच मा पोष्ट करना हे । जेन रचनाकार छत्तीसगढ़ी मंच के सदस्य नई हे, ओ एडमिन मन के व्यक्तिगत वाटशॅंप म भेज सकत हंे । कानो सार्वजनिक वाटशाॅपध्फेसबुक समूह से रचना नई देना हे । प्रतियोगिता अवधि तक प्रतियोगिता के रचना केवल फेसबुक समूह छत्तीसगढ़ी मंच अउ ब्लाग पागा कलगी भर म होही । यदि रचना अंते तंते पाये जाही त रचना ला प्रतियोगिता से बाहिर कर दे जाही ।
विधा - मुक्तक, प्रत्येक रचनाकार केवल दू मुक्तक एक साथ पोस्ट कर सकत हे, अलग-अलग नही । यने कि एक साथ दू मुक्तक दे गे विषय मा । मुक्तक मापनी (बहर) मा होना चाही । बेबहर, रदिफ काफिया रहित मुक्तक प्रतियोगिता मा शामिल नई करे जा सकय ।
विशेष- मुक्तक आधारित 4 भाग मा लेख प्रकाशित करे गे हे, मुक्तक लिखे के पहिली चारों भाग ला एक बार जरूर पढ लेवंय । नीचे के लिंक ल चपक के मुक्तक के बारे मा पढ़ सकत हंव

गुरुवार, 1 सितंबर 2016

पागा कलगी-16 //23//तरूण साहू "भाठीगढ़िया"

कुण्डलिया छंद
कइसे भेजव राखि
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भइया हे मोर दुरिहा, दुरिहा हे घर द्वार ।
भरगे नदिया नरवा ह, जांवव कइसे पार।।
जांवव कइसे पार, रद्दा म नदिया कछार ।
भेजव कइसे राखि, परब हे राखि तीहार ।।
कोन ह मइके जाहि, भइया हे भाठिगढ़िया ।।
राखि कोन ले जाहि, दुरिहा हे मोर भइया ।।
राखि ले जाबे पड़की, तै भइया के तीर ।
तै सुना देबे मैना, छुटकि बहिनि के पीर ।।
छुटकि बहिनि के पीर, रोवत हे दिन अउ रात ।
बहिनी के नयना म, सावन भादो बरसात ।।
तरूण अस करलई म, बहिनि बोहावथे आँखि ।
भइया ह कलाई म, बन्धवाही मोर राखि ।।
तरूण साहू "भाठीगढ़िया"
ग्राम भाठीगढ़
तहसील+पोस्ट मैनपुर
जिला गरियाबन्द ( छ ग )
मोबाईल नम्बर ९७५४२३६५२१ ९७५५५७०६४४