छेरछेरा मांगे बर आये हन, पसर भर के दे दाई वो।
जम्मो छत्तीसगढ़िया ल छेरछेरा के बधाई वो।
हावे आशीष भरे रहे निसदिन कोठी डोली तोर,
तोरे अचरा ह होवय झन कभू मया ले खाली वो।
2
छेरछेरा पुन्नी आये हे, चलो मांगे बर संगी हो।
गरब मांगे ले मिट जाथे, चलो मांगे बर संगी हो।
दे ये ले उन्ना नई होवय, ककरो कोठी डोली हर,
तिहार मांगे के आये हे, चलो मांगे बर संगी हो।
जम्मो छत्तीसगढ़िया ल छेरछेरा के बधाई वो।
हावे आशीष भरे रहे निसदिन कोठी डोली तोर,
तोरे अचरा ह होवय झन कभू मया ले खाली वो।
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छेरछेरा पुन्नी आये हे, चलो मांगे बर संगी हो।
गरब मांगे ले मिट जाथे, चलो मांगे बर संगी हो।
दे ये ले उन्ना नई होवय, ककरो कोठी डोली हर,
तिहार मांगे के आये हे, चलो मांगे बर संगी हो।
मथुरा प्रसाद वर्मा 'प्रसाद'
कोलिहा, बलौदाबाजार
कोलिहा, बलौदाबाजार
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