सोमवार, 16 जनवरी 2017

पागा कलगी -25//8//आशा देशमुख

विषय ...छेरछेरा
विधा .....आल्हा छंद में परयास
सुन वो दीदी सुन वो बहिनी ,चल जाबो पुन्नी स्नान |
अबड़ पुण्य हे कहिथे एकर ,चलो हमू मन करबो दान |
बड़ महत्तम छेरछेरा के ,कहिथे सब वो कथा पुरान |
सबो परब पुरखा मन मानय ,हमू राखबो इंखर मान |
अनधन से सब कोठी भरगे ,टुकनी टुकनी देवे धान |
धरती दाई तोर मया मा ,हांसत खेलत हवे किसान |
लइका लोग सियान सबो झन ,किंजरय अँगना घर अउ खोर |
दर दर दर दर आवत रहिथे ,उड़े छेरछेरा के शोर |
डंडा पड़की नाचत हावय ,कुहुक कुहुक के गावय गीत |
सबो मनावय मया परब ला ,चलत हवय पुरखा ले रीत |
एक कथा बलि राजा के हे ,माँगय दान बिष्णु भगवान |
अजर अमर होगे राजा हा ,दान बनाये हवे महान |
हवे दान के महिमा भारी ,कतको किस्सा देवव सीख |
भोलेनाथ घलो हा माँगे ,अन्नपुर्णा दाई ले भीख |
भुइया हे भगवान बरोबर ,हावय हमर इही पहिचान |
हमरो संस्कृति पोठ धरोहर ,जेमा बसय धरम के प्रान |
हे विधना सब तोर हाँथ मा ,तोर रचाये हे संसार |
सबो डहर खुशयाली महकय ,तोर दया हे अपरम्पार |
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
15 .1.2017.रविवार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें