मंगलवार, 1 मार्च 2016

पागा कलगी 4//ओमप्रकाश चौहान

पागा क्र. 4 बर मोर कबिता
🌊 चलना सरग बनाबो 🌊
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
धन धान्य ले फुलय फरय,
अइसे रददा सुग्घर बनाबो।
हलधर झन सनसो म मरय,
मांटी ल चलना अइसे सरग बनाबो।।
सुखत खेतीखार चौबार बर,
हमन भागीरथ बन जाबो,
आगाज, पताल लाज म लुकाजय
गंगा ल चलना सरग ले लेआबो।
निचट सिधवा आय हमर ये बानी
जुर मिल करिया टिकली बन जाबो,
बयरी दुसमन जर भूंजावय
वीर नारायण, सिंह देव ल सरग ले लेआबो।
लाली होवत हमर माटी ल
जुर मिल चल हरियर रंग चड़हाबो,
भटके मनखे खातीर बर
कबीर सर्वपल्ली ल चलना सरग ले लेआबो।
मांटी हमर चारो धाम बनय
कांसी काबा मजार सब बन जाबो,
एक सुतरी म सबे ल बांधय
ओ मानुस ल चलना सरग ले लेआबो।
कोयली अउ मैयना हमर परी बन जाय
अइसे बगईचा ल सुग्घर सजाबो,
रिगबिग रिगबिग खुसालि अंगना म बगरय
ओ बिहनिया ल चलना सरग ले लेआबो।
धन धान्य ले फुलय फरय
अइसे सुग्घर रददा बनाबो,
हलधर झन सनसो म मरय हमर
मांटी ल चलना सरग बनाबो।
🌻ओमप्रकाश चौहान🌻
🌻बिलासपुर🌻

सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी 04‘ के परिणाम

//छत्तीसगढ़ी कविता के प्रतियोगिता ‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी 04‘ के परिणाम//

संगी हो जय जोहार
छत्तसगढ़ के ‘चित्र आधारित‘ विषय मा ये संगी मन के रचना प्राप्त होइस - 1. श्री आचार्य तोषण सरस्वती शिशु मंदिर डौंडीलोहारा जिला-बालोद(छ.ग.)४९१७७१ 2.श्री देव हीरा लहरी चंदखुरी फार्म मंदिर हसौद रइपुर छत्तीसगढ़ 3.श्रीराजेश कुमार निषाद ग्राम चपरीद(समोदा) 4.श्री सुखन जोगी डोड़की वाले 5.श्री हेमलाल साहू 6.श्री देवेन्द्र कुमार ध्रुव बेलर जिला गरियाबंद 7.श्री -आशा देशमुख 8.श्री सुनिल शर्मा"नील" थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 9.श्री चैतन्य जितेन्द्र तिवारी (थान खम्हरिया) 10.श्रीदिनेश देवांगन "दिव्य" सारंगढ़ जिला - रायगढ़ (छत्तीसगढ़) 11.श्रीहर्षल यादव वरोरा,चंद्रपूर ,महाराष्ट्र 12.श्रीअशोक साहू, भानसोज 13.श्रीललित साहू "जख्मी" ग्राम- छुरा जिला - गरियाबंद (छ.ग.) 14.श्रीअमन चतुर्वेदी "अटल" बड़गांव डौंडी लोहारा बालोद छत्तीसगढ़ 15.श्रीसूर्यकांत गुप्ता 1009 सिंधिया नगर दुर्ग 16.श्रीललित टिकरिहा 17.श्रीललित वर्मा, छुरा जम्मो रचनाकारमन के रचना घाते सुघ्घर रहिस सबो संगी मन ला ऐखर बर बधाई अउ धन्यवाद । येदरी के सुघर विषय ‘चित्र ‘ ये दरी के मंच संचालक मिलन मलरिहा हा दे हिस लगातार 15 दिन ले सबो के रचना मा सुझााव रखिस । भाई मिलन मलरिहा ला हृदय ले आभर । पागा कलगी 04 के निर्णायक 1. कवि सुशिल भोले(रायपुर) 2. अंजनी कुमार अंकूर (रायगढ़) रहिन । आप दुनो सबो रचना ला ध्यान से मूल्यांकन करेंव अउ अपन निर्णाय देव । आप दुनो निर्णाक ला साधुवाद । निर्णायक महोदय मन दे गे के वित्र के अनुरूप भाव, शब्द चयन आदि के आधार मा अपन निर्णय रखिन । आप मन के निर्णय अनुसार ये दरी के पागा ला भाई अशोक साहू, भानसोज ला पहिराये जात हे । भाई अशोक साहू ला गाड़ा-गाड़ा बधाई -छत्तीसगढ़ी मंच, छत्तीसगढ़ी साहित्यिक समूह

‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी 05 के विषय

//छत्तीसगढ़ी कविता के प्रतियोगिता ‘छत्तीसगढ़ के पागा कलगी 05 के विषय//
-------------------------------------------------------------------
दिनांक-1 मार्च से 15 मार्च 2016
विषय- हमार नदावत खेल (छत्तीसगढ़ के जुन्ना खेल)
विधा - विधा रहित
मंच संचालक-श्री अशोक साहू, भानसोज (पागा 5 के विजेता)
निर्णायक-दीदी शकुंतला शर्मा अउ दीदी शकुंतला तरार
संगी हो दे गे विषय मा आप अपन रचना लिख के ओखर उपर
‘छत्तीसगढ के पागा-कलगी क्र-5‘ बर रचना लिख के ये मंच मा पोस्ट कर सकत हंव या नीचे पता मा भेज सकत हव-
1- rkdevendra4@gmail.com
2-suneelsharma52.ss@gmail.com
3- whatsapp-9977069545
4-whatsapp-+917828927284
5-whatsapp-+919098889904
6whatsapp 9770330338
आशा हे ये नवा प्रारूप मा आप मन के सहयोग मिलत रहिही अउ पहिली ले जादा रचना आही ।
-छत्तीसगढ़ी मंच,छत्तीसगढ़ी साहित्यिक समूह

पागा कलगी ४//ललित वर्मा, छुरा


🙏भोंदू-भवानी के गोठ🙏
भोंदू: ये सिढिया वाला फोटू ह का हरे ग भईया?
भवानी: ये सरगनिसईनी ताय जी भाई
भोंदू: कईसन भईया,बने फोर के बता न गा
भवानी: ले सुन त-----
बढ़िया करम ल करबे भाई,-२
सरग म तैं चढ़ जाबे
रद्दा ल चलबे मानवता के,
सरग ले उपर जाबे
करम ह तोर गिनहा रखबे त,
नरक म तैं गिर जाबे
अउ कोन जनी फेर कब भाई,
ये मानुस तन ल पाबे
रद्दा चलबे---------
सेवा कर जी दाई-ददा के,
सरवन तैं कहाबे
सत बर जीबे सत बर मरबे त,
ए सिढिया ल पाबे
रद्दा चलबे-------
दीन-दुखी के पीरा हर तैं,
असीस पिरीत कमाबे
दया-मया के बीजा ल बोके,
परमानंद फल खाबे
रद्दा चलबे---------
बढ़िया करम ल करबे भाई,-२
सरग ल तैं चढ़ जाबे,
रद्दा चलबे मानवता के,
सरग ले उपर जाबे
सरग ले उपर जाबे।।
रचना:-ललित वर्मा, छुरा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

पागा कलगी ४ // ललित टिकरिहा

छत्तीसगढ़ के पागा कलगी क्रमांक 4
👳🏼👳🏼👳🏼👳🏼👳🏼👳🏼👳🏼
🌈🌈🌈🌈🌈🌈🌈
           बर रचना
          🍃🍃🍃
"सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ"
    🏂🏂🏂🏂🏂        
चलव जिनगी ला अपन गढ़ लौ,
धरम के रद्दा म आगु बढ़ लौ,
दाई ददा के सेवा जतन ल करके,
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।।
जिनगी के डोंगा खोय बरोबर,
धरती मा बिजहा बोय बरोबर,
सरवन कस कांवर  म धर लौ
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
ये जिनगी के हरय देवइया,
इहि हरय जी करम लिखईया,
दाई  ददा  के  पइया  पर लौ,
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।।
अपन लहू ल बना के पसीना,
भाग ल हमर सुग्घर सजईया,
करके सेवा भवसागर तर लौ,
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।।
संतन मन जेकर मरम बताये,
मानुष तन बड़ भाग ले पाये,
मउका ला झन बिरथा कर लौ,
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।
सरग के सीढ़िया म चढ़ लौ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
..................✍
🙏✏ललित टिकरिहा✏🙏
२७-२-२०१६

पागा कलगी - 4//सूर्यकांत गुप्ता

छत्तीसगढ़ के पागा कलगी - 4
छत्तीसगढ़ के पागा कलगी चार
गुनत हौं मने मन, कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
रग रग मा मोर भरे सुवारथ
कंहा लुकागे तैं परमारथ
कइसे भुलागे जिनगी के दिन चार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
ददा दाई ला संग नई राखन
बने असन तको नई भाखन
काबर लागैं बपुरा बपुरी बेटा बहू बर भार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
कलजुग के परताप ये भाई
छोड़ अपन दूसर बर धाई
रात दिन सुख खोजत रहिथन
पाप के तरिया मा खाली डुबकी मार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
जय जोहारर।।
सूर्यकांत गुप्ता
1009 सिंधिया नगर दुर्ग 

पागा कलगी 4//अमन चतुर्वेदी "अटल"

विषय - चित्र अधारित 
"सरग निसइनी"
---------------------------------------------
जिनगी के मोर लगे हे दांव
कइसे बढ़ावंव मोर पापी पांव
झूठ लबारी रग रग म बस गेहे
कइसे मिलही मया के छांव
सरग निसइनी के लगे हे आस
फेर कोनो गुन नइ हे मोर पास
दाई ददा ला कभु मानेंव नही
कोनो ला अपन जानेंव नहीं
ये स्वारथ के दुनिया हे
महु भुला गेंव स्वारथ में
दान धरम कभु जानेंव
मर गेंव सकल पदारत में
सरग निसइनी के दिखत हे छांव
फेर माड़ नइ पावत हे मोरो पांव
मैं मुरख हौं अग्य़ानी हौं
जिनगी के मोर लगे हे दांव
-----------------------------------------
रचना -अमन चतुर्वेदी "अटल"
बड़गांव डौंडी लोहारा
बालोद छत्तीसगढ़
मोबा :- 0973045839