छत्तीसगढ़ के पागा कलगी - 4
छत्तीसगढ़ के पागा कलगी चार
गुनत हौं मने मन, कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
गुनत हौं मने मन, कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
रग रग मा मोर भरे सुवारथ
कंहा लुकागे तैं परमारथ
कइसे भुलागे जिनगी के दिन चार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
कंहा लुकागे तैं परमारथ
कइसे भुलागे जिनगी के दिन चार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
ददा दाई ला संग नई राखन
बने असन तको नई भाखन
काबर लागैं बपुरा बपुरी बेटा बहू बर भार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
बने असन तको नई भाखन
काबर लागैं बपुरा बपुरी बेटा बहू बर भार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
कलजुग के परताप ये भाई
छोड़ अपन दूसर बर धाई
रात दिन सुख खोजत रहिथन
पाप के तरिया मा खाली डुबकी मार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
छोड़ अपन दूसर बर धाई
रात दिन सुख खोजत रहिथन
पाप के तरिया मा खाली डुबकी मार
गुनत हौं मने मन कइसे पांव मड़ाई
सरग के पहिलिच सिढ़िया मा यार
जय जोहारर।।
सूर्यकांत गुप्ता
1009 सिंधिया नगर दुर्ग
1009 सिंधिया नगर दुर्ग
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