विषय -गर्मी मा स्कूल
गर्मी के मारे लईकामन बिहिनिया ले नहावत हे ।
पढई तो होवत नई हे खाना खाये बर स्कूल जावत हे ।।
पढई तो होवत नई हे खाना खाये बर स्कूल जावत हे ।।
तात तात हवा चलत हे झवाये असन लागत हे ।
पानी के खोज मा जीव जन्तु मन गांव डहर आवत ।।
पानी के खोज मा जीव जन्तु मन गांव डहर आवत ।।
गर्मी ल देख के गुरू जी पंखा ल चलावत हे ।
गरम गरम आगी असन हवा ह बोहावत हे ।।
गरम गरम आगी असन हवा ह बोहावत हे ।।
गर्मी के दिन मा स्कूल मोला बने नई लागत हे ।
आमा अमली पीपर के छांव मोर मन ल बड भावत हे ।।
आमा अमली पीपर के छांव मोर मन ल बड भावत हे ।।
जगह जगह पानी के कमी तरिया बड अटावत हे ।
स्कूल मा पिये बर पानी नई हे लईका पानी धर के जावत हे ।।
स्कूल मा पिये बर पानी नई हे लईका पानी धर के जावत हे ।।
चप्पल कोनो नई पहिरे चट चट भोभरा जरत हे ।
गर्मी के कारण पढाई नई होथे टाइम पास सब करत हे ।।
गर्मी के कारण पढाई नई होथे टाइम पास सब करत हे ।।
सरकार ह गर्मी ल देख के बिहिनिया स्कूल लगावत हे ।
पढई तो होये नई खाना खाये बर स्कूल जावत हे ।।
पढई तो होये नई खाना खाये बर स्कूल जावत हे ।।
ध्यान से पढे नई हे तेन मन फैल होवत हे ।
पास होगे तेन भर्ती होवत हे ।।
पास होगे तेन भर्ती होवत हे ।।
पढाये के मन नई हे गुरू जी के कहानी म कान ल भरत हे ।
तरिया नदियाँ सब सुक्खा होगे जीव जन्तु मरत हे ।।
तरिया नदियाँ सब सुक्खा होगे जीव जन्तु मरत हे ।।
अतका गर्मी म कईसे पढबो तईसे लागत हे ।
गुरू जी मन बिहिनिया आत हे अउ जल्दी घर भागत हे ।।
गुरू जी मन बिहिनिया आत हे अउ जल्दी घर भागत हे ।।
गली मा नई निकले सकव मै झांझ चलत हे हरहर हरहर
पंखा बिना नई रहे सकव पसीना बोहाथे मोर तरतर तरतर
पंखा बिना नई रहे सकव पसीना बोहाथे मोर तरतर तरतर
पंखा बिना कोनो परानी ल चैन नई आवये ग ।
ठंडा ठंडा फ्रिज के पानी सबके मन भावये ग ।।
ठंडा ठंडा फ्रिज के पानी सबके मन भावये ग ।।
विक्रमसिंह "लाला"
मुरता_नवागढ_बेमेतरा
7697308413
मुरता_नवागढ_बेमेतरा
7697308413
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