बुधवार, 17 मई 2017

पागा कलगी -33//4//विक्रम सिंह राठौर

देश के खातिर जीबो ।
भारत देश म जनम धरेन देश के सेवा करबो ।
देश के खातिर जीबो अऊ हमन देश के खातिर मरबो ।।
ये माटी मा खेलेन कुदेन ये माटी म सनायेहन ।
जियत भर देश के सेवा करबो ये कसम हमन खायेनहन ।।
हिन्दु मुस्लिम मन झगडा होथे वोला हमन समझाबो ।
हिन्दु मुस्लिम म भेद नई करन संग म कदम बढाहाबो ।।
बड भागी हे हमर चोला छत्तीसगढ़ म जनम मिलिस ।
भारत मां के सेवा करबो जेखर हमला कोरा मिलिस ।।
काम अईसे हमन करबो , देश के नाव बढाहाबो ।
देश के खातिर जीबो अऊ हमन देश के खातिर मरबो ।।
कंधा से कंधा मिलाबो कदम से कदम मिलाबो ।
हमन चलबो एक साथ दुश्मन ल जलाबो ।।
हमर भाई मन ल मारिस हे ओखर बदला ला लेबो ।
शहीद के बलिदान खाली नई जाये ईटा के जवाब पथरा मा देबो ।।

विक्रम सिंह राठौर

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