शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

पागा कलगी -21 //5//आर्या प्रजापति

( "मोर छत्तीसगढ़ महतारी " )
जिहाँ बड़ सुघ्घर बिहनिया ले बजे बंसरी,
बच्छर भर बोथे धान अउ बारी।
रात कन घलो करत रईथे जी रखवारी,
बासी चटनी लाथे मंझनिया सुआरी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
महिमा हे तोरेच भारी,
नारी के तैं अवतारी।
जिहाँ बोहाय शिवनाथ के धारी,
जेखर कोरा म रूख अउ जंगल झारी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
किसान के ईहा मोल हे भारी,
जेन हा धरे बाँस के डंडा अउ तुतारी।
जिहा पुजथे हॅसिया, कलारी,
माटी हावय मटासी अउ कन्हारी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
बित जाय जिनगी जम्मो सरी,
तोरेच पांव के तरी।
जिहाँ के मनखे राहय संग के संगवारी,
मया रईथे बनेच भारी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
जिहाँ तीज तिहारी,
हाॅवय इंहा मया के चिन्हारी।
वैसे अग्हन, पुस के जाड़ भारी,
गोबर म लिपाय घर-दुआरी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
मनाथन खुश होके देवारी,
शंकर पारवती जी आथे बन के गौरा-गौरी।
जिहाँ के फटाका टिकली, अनार अउ सुरसुरी,
असनहे छाये रईथे गंजहा, दरुहा अउ जुआरी।
जय हो "मोर छत्तीसगढ़ महतारी"
आर्या प्रजापति
मो. नं. -9109933595
गांव - लमती ( सिंगारपुर )
जिला - बलोदाबजार ( भाटापारा )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें