बुधवार, 23 नवंबर 2016

पागा कलगी -22//3//आर्या प्रजापति

विषय - नोट बंदी के नफा-नुकसान
गांव के मन ल होगे बनेच संसो,
छोड़ देहे खेत के काम बुता एसो।
मोदी जी एलान करिस परसो,
एदर के बदल जाही हजार अउ पांच सो।
आज कल बस इही चलथे गोठ,
बंद हो जही हजार अउ पांच सो के नोट।
मोदी जी के एलान लागिस हमला पोठ,
बैंक म लाइन लगे हे पहिने धोती अउ कोट।
बैंक म जावा पैसा बदल जाही,
उहा जांहु फार्म भरे ल पड़ही।
थोड़ा सा हलाकानी जरुर होही,
मगर तुहर मेहनत के पल जरुर मिलही।
बदल ले नोट कागज बन जाही,
नई बदल बे त पैसा नई चल पाही।
संसो झन कर पच्चास दिन म बदल सकही,
लगथे ये सोच ह बनेच गदर - फदर मचाही।
हजार के नोट म अतेक काला बजारी समाय,
जेन ल देखबे तेन अपन जेब गरमाय।
गरीब मन ल सबो लुट - खसोट मचाय,
सबे डाहर ले दुख के बादर मंडराय।
सबो कोती भ्रष्टाचार अउ घुसखोरी हमाय,
हमन ल जेन पाय तेन झरराय।
जेती जाबे तेती हमला सताय,
फेर अतेक करें के पाछु हमर हक म का आय।
हजार के चिल्हर नई होवय हमर करा,
भटकत रइथन सबो पारा।
सोचे ल पड़थे भंजाव काखर तिरा,
अब काखर ले सुनाव अपन पिरा।
दु हजार के नोट आय ले बड़ परेशानी पड़ही,
समझ नई आय ये काखर कर भंजही।
ये बदलाव ह हमी मन ल जनाही,
एखर चिल्हर ह कोन जनी काखर कर मिलही।
आर्या प्रजापति
मो. नं. -9109933595
गांव -लमती (सिंगारपुर )
जिला - बलोदाबजार

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