बुधवार, 23 नवंबर 2016

पागा कलगी -22//4//संतोष फरिकार

नोट बंदी नोट बंदी हे
सबके मन म समाए हे
सब डाहन सजे बजार हे
नोट के मंदी नोट के मंदी हे
बजार म देख दुकान म देख
गांव म देख शहर म देख
सबो डाहन नोट बंदी हे
नोट के मंदी नोट के मंदी हे
बैंक म लाईन लगा के देख
दुकानदार कना मांग के देख
बस म चढ़ के देख नोट बंदी हे
नोट के मंदी नोट के मंदी हे
घर चलाय बर राशन
नोट बदले बर शासन
खाली होगे हवय कीचन
नोट बंदी नोट बंदी हे
जमो डाहन नोट मंदी हे
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# मयारू
संतोष फरिकार
देवरी भाटापारा
9926113995

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