*बसंत के रंग (कुण्डलिया छन्द)*
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(1)
लाली फूल गुलाब के, रिगबिग बगिया छाय।
ठाढ़े परसा खार मा, रंग गुलाल नहाय।
रंग गुलाल नहाय, मोंगरा ममहावत हे।
चम्पा अउ कचनार, चमेली सरमावत हे।
टोरत हाबय फूल , देख रितु राजा माली।
गिंजर गिंजर के बाग, खोज के दसमत लाली।
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(1)
लाली फूल गुलाब के, रिगबिग बगिया छाय।
ठाढ़े परसा खार मा, रंग गुलाल नहाय।
रंग गुलाल नहाय, मोंगरा ममहावत हे।
चम्पा अउ कचनार, चमेली सरमावत हे।
टोरत हाबय फूल , देख रितु राजा माली।
गिंजर गिंजर के बाग, खोज के दसमत लाली।
(2)
आमा घन मउराय हे, भौंरा गीत सुनाय ।
रितु राजा के आय ले, मौसम हे बउराय।
मौसम हे बउराय, हवा हा ममहावत हे।
रंग रंग के फूल, सबो के मन भावत हे।
कामदेव के बान, परे अंतस हे रामा।
मँदुरस घोरय कान, कोइली बइठे आमा ।
( 3)
लाली परसा फूलगे, अब्बड़ मन ला भाय।
कउहा फूले गँधिरवा , कहर महर ममहाय।
कहर महर ममहाय, रंग सरसों के पीला ।
गोंदा पिंवरा लाल, दिखय अरसी हा नीला ।
हाँसय देख बसंत , बजावय खुसी म ताली।
बगरे चारों खूँट , रंग पीला अउ लाली।
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चोवा राम " बादल"
हथबंद 9926195747
आमा घन मउराय हे, भौंरा गीत सुनाय ।
रितु राजा के आय ले, मौसम हे बउराय।
मौसम हे बउराय, हवा हा ममहावत हे।
रंग रंग के फूल, सबो के मन भावत हे।
कामदेव के बान, परे अंतस हे रामा।
मँदुरस घोरय कान, कोइली बइठे आमा ।
( 3)
लाली परसा फूलगे, अब्बड़ मन ला भाय।
कउहा फूले गँधिरवा , कहर महर ममहाय।
कहर महर ममहाय, रंग सरसों के पीला ।
गोंदा पिंवरा लाल, दिखय अरसी हा नीला ।
हाँसय देख बसंत , बजावय खुसी म ताली।
बगरे चारों खूँट , रंग पीला अउ लाली।
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चोवा राम " बादल"
हथबंद 9926195747
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