रविवार, 16 अक्तूबर 2016

पागा कलगी -19//4//ज्ञानु मानिकपुरी "दास"

मुक्तक-1
बिगड़ी बनादे काज दाई।
रखले हमर वो लाज दाई।
तोरे चरण मा आय हावन
जय जय हो हिंगलाज दाई।
मुक्तक-2
तोर किरपा ले बन जाथे काम।
तोर किरपा ले सब पाथे नाम।
तोर गुनके कोने पाही पार
तोर मिल सब सेवक गाथे नाम।
ज्ञानु मानिकपुरी "दास"
चंदेनी कवर्धा
9993240143

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