रविवार, 16 अक्तूबर 2016

पागा कलगी -19//6//देवेन्द्र कुमार ध्रुव

मुक्तक - 01
सरन मा हव मै हिंगलाज माई वो
साज दे बिगड़े मोर काज दाई वो
भगत ला अब तो अपन दरस देखा जा
राख ले अब ते मोर लाज दाई वो ......
मुक्तक -02
भगतन के दुःख हरे तै बुढ़ीमाई वो
झोली मा सुख भरे तै महामाई वो
डोंगर मा तै बईठे घटारानी माँ
कतको ठन रुप धरे तै दुर्गा दाई वो.....
रचना
देवेन्द्र कुमार ध्रुव (डीआर )
फुटहा करम बेलर
जिला गरियाबंद (छ ग)

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