बुधवार, 22 मार्च 2017

पागा कलगी-29 //4//ललित टिकरिहा

 💃🏻💃🏻होली हर आवत हे💃🏻💃🏻
🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍
🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻🙋🏻
फागुन भदरावत हे,
फाग ह सुनावत हे,
झूम लौ सबो झन ,
होली हर आवत हे।
पुरुवा सरसरावत हे,
बसन्त ह सुहावत हे,
मन ला गुदगुदाए बर,
मीत मन ह आवत हे।
भंग ल चढ़ावत हे,
मन्द मुसकावत हे,
मद में मोहाय देखव,
लोगन लहरावत हे।
पिरित मन म जागत हे,
निक सुग्घर लागत हे,
सजनी के देखे बदन,
रंग घलो ललचावत हे।
मन मोर गोहरावत हे,
रंग घलो तरसावत हे,
अपन रंग म रंगे बर,
होली हर आवत हे।
फागुन भदरावत हे,
फाग ह सुनावत हे,
झूम लौ सबे झन,
होली हर आवत हे।
👯👯👯👯👯
गांव जगमगावत हे,
मन ल महकावत हे,
एक होके जम्मो झन,
जुर मिल सकलावत हे।
मन ल अबड़ भावत हे,
गोकुल कस लागत हे,
गोप ग्वाल मन ल देखव,
एक दूसर ल लुभावत हे।
कन्हैया ह गावत हे,
बंसी ला बजावत हे,
सुन के धुन पिरित के
राधा रानी लजावत हे।
फाग सुग्घर गावत हे,
नंगारा निक बजावत हे,
दिन ह लखठियावत हे,
होली हर आवत हे।
फागुन भदरावत हे,
फाग ह सुनावत हे,
झूम लौ सबो झन,
होली हर आवत हे।
👯👯👯👯👯
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संगवारी होली तिहार के गाड़ा गाड़ा बधाई ।
💐💐💐💐💐💐
☝🏻☝🏻रंग रचइया........✍
📖
🙏✏ललित टिकरिहा✏🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें