विषय - गर्मी छुट्टी मा जाबो ममा गाँव
विधा - सार छंद।।
विधा - सार छंद।।
छुट्टी गरमी आगे भाई,ममा गाँव जी जाबो।
आनी बानी खाइ खजाना,दूध मलाई खाबो।।१
आनी बानी खाइ खजाना,दूध मलाई खाबो।।१
अमली पेड़ झूलना बँधही,झूले बर झूलेना।
बीच ताल मा तउड़त जाबो,तोड़े पान पुरेना।।२
बीच ताल मा तउड़त जाबो,तोड़े पान पुरेना।।२
पीपर पाना तुतरी बजही,खाली टीपा बाजा।
सगली भतली संग खेलबो,बनके रानी राजा।।३
सगली भतली संग खेलबो,बनके रानी राजा।।३
कान पकड़ के ममा खीचही,करबो जब शैतानी।
हासी ठठ्ठा मामी सइही,करबो जी मनमानी।।४
हासी ठठ्ठा मामी सइही,करबो जी मनमानी।।४
सुने ममा दाई के लोरी,रतिहा रतिहा जगबो।
बढ़िया बढ़िया बात बताही,बांधे गठरी धरबो।।५
बढ़िया बढ़िया बात बताही,बांधे गठरी धरबो।।५
✍ईंजी.गजानंद पात्रे *सत्यबोध*
बिलासपुर (छ.ग.) 8889747888
बिलासपुर (छ.ग.) 8889747888
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें