बुधवार, 22 मार्च 2017

पागा कलगी-29//5//विक्रमसिंह " लाला "



विषय ~ होली
गांव गली खोर मा नगाडा बाजे ।
देख संगी फागुन तिहार आगे ।।
पिचका ला धर के ,
राधा बर श्याम भागे ।
रंग कटोरा ला धर के ,
सीता बर राम भागे ।।
कोनो बनाथे बरा सोहारी,
कोनो बनाथे पापड ।
देख के रंग लगाबे संगी ,
झन खाबे झापड ।।
कोनो मेरा संगी ,
डी जे घलो बाजत हे ।
दरूहा टूरा मन दारू पिके ,
बईहा बरोबर नाचत हे ।।
जगह जगह होली बारे,
हरियर रूख ला काटत हे ।
झन काटव रे मानव येला ,
येही हमला तारत हे ।।
बारना हे त अपन आस पास के
कचरा ल बार कर दे सफाई ।
हरियर हरियर बने दिखत हे
झन काट तय ओला भाई ।।
कोनो पिही आधा पाव ,
कोनो पउव्वा चडाही ।
दारू पिके ये दरूहा मन
गांव गदर मचाही ।।
आगे हे होली तिहार ,
रंग गुलाल उडाही ।
लइका सियान सबो
झन दारु मा नहाही ।।
साल मा एक बार आथे होली,
बने बने मनाहूं ।
लइका सियान सबो के मा
रंग गुलाल लगाहूं ।।
होली तिहार मा संगी ,
बने बने रोटी बनाहूं ।
सबो लडाइ झगड़ा ल ,
भुला के बैरी ला गले लगाहूं ।।
#लाला कहे होली मा ,
झन पिहूं दारू ।
नशा अडबड होही संगी ,
पर रहीहूं उतारूं ।।
गांव मा रात कन बाजत हे नगाड़ा ।
आप सबो ल होली बधाई हे गाडा गाडा ।।
विक्रमसिंह " लाला "
मुरता , नवागढ , बेमेतरा
7697308413 .8120957083
दिनांक --> 11/03/2017

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