छत्तीसगढ़ी मा लिखव, अपन मया के गीत । खोल अपन प्रतिभा इहां, ये संगी मनमीत ।। -रमेश चौहान
इहां जाके घला देखव-
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सुरता
छत्तीसगढ़ी मंच
शुक्रवार, 16 सितंबर 2016
पागा कलगी-17 //17// मिलन मलरिहा
कष्ट ला हरदे मोर लम्बोदर
करत.हँव पूजा तोर लम्बोदर
विघन बाधा ला मेट दे गणपति
खड़े.हँव हाथ जोर लम्बोदर ।
मिलन मलरिहा
मल्हार बिलासपुर
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