मंगलवार, 13 सितंबर 2016

पागा कलगी-17 //6//ज्ञानु मानिकपुरी "दास"

मुक्तक
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जय हो जय हो गजानन पहली मनावव तोला।
लड्डू मेवा मिठाई भोगे चढ़ावव तोला।
आखर के देवता तय मेटव नदानी मोरो
किरपा के तोर आसा माथा नवावव तोला।
मुक्तक
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लूला के पार लगईया देवा।
रोगी के रोग मिटईया देवा।
बन जाथस तय अनधरा के आखी
सबके तय लाज बचईया देवा।
ज्ञानु मानिकपुरी "दास"
चंदेनी कवर्धा
9993240143

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