छत्तीसगढ़ी मा लिखव, अपन मया के गीत । खोल अपन प्रतिभा इहां, ये संगी मनमीत ।। -रमेश चौहान
इहां जाके घला देखव-
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सुरता
छत्तीसगढ़ी मंच
शुक्रवार, 30 सितंबर 2016
पागा कलगी-18//9//मिलन मलरिहा
नव दिनबर आबे दाई
कलजुग ल हटाबे दाई
घर घर महिसासुर खुसरे
पापी ल भगाबे दाई ॥
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मिलन मलरिहा
मल्हार बिलासपुर
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