गुरुवार, 29 सितंबर 2016

पागा कलगी-18 //7//गुमान प्रसाद साहू

बहर-212 212 222 222 22
भाग मे जे लिखे हे ओ हमला मिलबे करही।
डोहरू फूल हर एकदिन संगी खिलबे करही।
पेड़ हम जब लगाबो आमा के जी संगवारी।
तब हमनला ग ओकर मीठा फल मिलबे करही।
-122 222 112 222
जभे मिहनत करबे ग तभे फल मिलथे।
कुंआ मेरा जाबे ग तभे जल मिलथे।
हवा कस उड़ जाबे न अकेला रहिबे।
सबो जुरमिल रहिबे ग तभे बल मिलथे।
रचना :- गुमान प्रसाद साहू
ग्राम-समोदा (महानदी)
मो. :- 9977313968
जिला-रायपुर छग

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