मंगलवार, 13 सितंबर 2016

पागा कलगी-17 //9//लक्ष्मी नारायण लहरे

हे गणेशा मोर अँगना म जबले आये, जनम मोरे सफल होगे ।
हे गणेशा मोर सपना म जबले आये, दरद मोरे सरल होगे ।
हे प्रभुजी मोर अरजी ल सुनके, तैहा सफल करदे मोर पूरा
हे गणेशा मोर भुवना म जबले आये, बिपति मोरे तरल होगे।
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दुखिया के तै दुख हरैया जय हो तोर गणराज।
सबके बिगड़ी के बनैया जय हो तोर गणराज।
भुवना मा बाजे नगाड़ा कस के होय जयकार।
पापी के नासे करैया जय हो तोर गणराज।

० लक्ष्मी नारायण लहरे,साहिल कोसीर सारंगढ़

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