मुक्तक-1
समझ नइ आवत हे काम सरकार के।
हवे ये मात्र के नाम सरकार के।
कभू तो हमरो लेते खबर -शोर जी
करे नइ ऐहर कुछु काम फटकार के।
हवे ये मात्र के नाम सरकार के।
कभू तो हमरो लेते खबर -शोर जी
करे नइ ऐहर कुछु काम फटकार के।
मुक्तक-2
का भरोसा जिनगी के कब का हो जाही न।
देख तोला मोला ऐको दिन रो वाही न।
झन कभू करबे घमन्ड तैहा जिनगी मा रे
काल ऐको दिन आके सबला ले जाही न।
देख तोला मोला ऐको दिन रो वाही न।
झन कभू करबे घमन्ड तैहा जिनगी मा रे
काल ऐको दिन आके सबला ले जाही न।
ज्ञानु मानिकपुरी "दास"
चंदेनी कवर्धा
9993240143
चंदेनी कवर्धा
9993240143
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