बुधवार, 14 सितंबर 2016

पागा कलगी-17//14//सुनिल शर्मा"नील"

1)मुक्तक-----""कर बैरी के नाश""""
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अमन चैन के देश ह लहू मा बूड़गे आज
चिथत हे ग दाई ल बन बेटामन ह बाज
करव पाप के नाश सत के होवय ग अंजोर
हवय प्राथना बस इहि सुनलव हे गणराज
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2) मुक्तक----"गिरिजानंदन"
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सबले बड़का "दाई-ददा" हे जग ला जेन
सिखाए हे
दाई-ददा के सेवा ल कर "पहली पूजन"
पाए हे
पूजाच भर सुक्खा झन करन गुन ओखर
अंतस मा धरलन
संकट हरेबर, मंगल करेबर
"गिरिजानंदन"आए हे|
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सुनिल शर्मा"नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
copyright
14/09/2016
7828927284

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