मुक्तक 1(222 2222 2222 122)
जोईधा हच बड़भारी ,जै हो जै हो गणेशा ।
चकरित होगे भंडारी ,जै हो जै हो गणेशा ।
महतारी के आज्ञा माने तैं तो प्रण ल ठाने
मोहाटी छेके भोला ,जै हो जै हो गणेशा ।
मुक्तक 2 (222 2221 2211 22 )
जय जय हो गनपति तोर, आ लाज बचा दे
जगतारन बंदी छोर , बिपदा ल हटा दे ।
डोंगा बूड़त हे बीच भंवर म परे हे
सुन ले बिनती ला मोर, आ पार लगा दे ।
रचना -------चोवा राम वर्मा " बादल "
हथबंद
जोईधा हच बड़भारी ,जै हो जै हो गणेशा ।
चकरित होगे भंडारी ,जै हो जै हो गणेशा ।
महतारी के आज्ञा माने तैं तो प्रण ल ठाने
मोहाटी छेके भोला ,जै हो जै हो गणेशा ।
मुक्तक 2 (222 2221 2211 22 )
जय जय हो गनपति तोर, आ लाज बचा दे
जगतारन बंदी छोर , बिपदा ल हटा दे ।
डोंगा बूड़त हे बीच भंवर म परे हे
सुन ले बिनती ला मोर, आ पार लगा दे ।
रचना -------चोवा राम वर्मा " बादल "
हथबंद
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