बुधवार, 25 मई 2016

पागा कलगी-10//संतोष फरिकार ‪मयारू‬

मोरो बेटी*
कोनो जनम के ओ बेटी
होबे बेटी मोरो ओ
मोर दुख दरद ला देख बेटी
दार भात ल तय खवाए ओ
दीन भरहा होगे रहिस
कोनो नई देखीस निहार के
कोन मेर ले तोर नजर परीस
घर ले लाने दार भात धर के
कोनो जनम के ओ बेटी
होबे बेटी मोरो ओ
कोन जनम म का पाप करेव
आज होगेव मय कोढ़ी ओ
गांव गली खोर मोहल्ला म
कोनो नई देखय निहार के ओ
कोनो जनम के ओ बेटी
होबे बेटी मोरो ओ
दुख पीरा ला देख ओ बेटी
घर ले लाने दार भात ओ
आज हाट बजार बंद पड़े हे
कोनो नई देखत हे खड़े होके
काय दुख ल गोठीयावव बेटी
मरत रहेव भुख पीयास मे
धन्य धन्य हे तोर दाई ददा
तोर असन बेटी पा के ओ
कोनो जनम के ओ बेटी
होबे बेटी मोरो ओ
तोरे असन होतीस मोरो बेटी
भटकन नई देतीस मोला ओ
करम छड़हा हव मय ओ बेटी
एक झन बेटी घलो नई पाएव ओ
रसता डहर म देख मोला
घर ले लाने दार भात ओ
कोनो जनम के ओ बेटी
होबे बेटी मोरो ओ
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रचना .संतोष फरिकार ‪#‎मयारू‬
गांव .देवरी भाटापारा
जिला.बलौदा बजार भाटापारा
मो . 9926113995

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