मंगलवार, 3 मई 2016

पागा कलगी 9 //आचार्य तोषण

॥छत्तीसगढ़ के तिहार॥
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बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
झुमै नाचै सब नर नारी
मया के होवै बउछार गा।
हरेली मनाबो सावन मा
नांगर चढाबो रोटी चीला।
हरिहर दिखै धनहा भुंइया
झुमरय माई अउ पीला।।
बरखा रानी झिमिर झिमिर
पानी देवय फुहार गा।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
बांधय राखी बहिनी हर
अपन भाई के कलाई मा।
भाई देवय बचन बहिनी ल
जान देहूं तोर भलाई मा।।
भाई बहिनी के मया देखे
उतारे नजर संसार गा।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
आगे भादो जांता पोरा
समारू नंदिया दउडाय।
दाई बहिनी के तीज तिहार
गौरा शंखर ल मनाय।।
आनी बानी के रोटी पीठा
रांधे करे फरहार गा।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
आगे नवरात कुंआर मा
चल ना जोत जलाबो।
दशेरा संग कातिक मा
घर-घर दीया जलाबो।
खाबो नवा जुरमिल संगी
पाबो मया दुलार गा।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
पूस पुन्नी के बेरा सुघ्घर
छेरछेराय घर-घर जाबो।
बइठाबो टुकना म मिट्ठू
मिल गीत सुआ के गाबो।।
घर कुरिया सबके खुले
अन्नकुंवर के भंडार गा।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
फागून मस्त महीना संगी
उड़ावय रंग गुलाल जी।
लइका सियान जवान मितवा
दिखय सबे लाले लाल जी।।
भर पिचकारी मारत हावय
एक दुसर ला बउछार गा ।
बड़ नीक लागे संगी मोला
छत्तीसगढ़ के तिहार गा ।
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////जय छत्तीसगढ़////
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रचना:-आचार्य तोषण
गांव-धनगांव डौंडीलोहारा
जिला-बालोद, छत्तीसगढ़
पिन-४९१७७१
९६१७५८९६६७

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