शुक्रवार, 27 मई 2016

पागा कलगी-10//-हेमलाल साहू

@बेटी@
दया मया बेटी के हावे, अपना माने सबला जान।
देख बबा ला भूखा नोनी, करत हवय वो अन के दान।।
देख दया अतका नोनी के ,अंतस ले करथे परनाम।
श्रद्धा से आसूँ छलकत हे, तैय करे बड़ सुघ्घर काम।।
बेटा मोरो हावे नोनी, नइ आवय वो कुछ औ काम।
जांगर रहिते पूछिस मोला, अब करथे ओहा बदनाम।।
जिनगी भर राखेव ग पूँजी, पाई पाई मेहा जोर।
आज नई हे मोर ठिकाना, किंजरत हों मैं खोरे खोर।।
बोलिस नोनी मोर बबा गा, कउनो बेटा होय कपूत।
चल रहिबे मोरे घर मा तैं, अपन बनाहूँ तोला पूत।।
नोनी कहिस बबा झन होबे, तैहा मोर से कभु नराज।
बड़ भागी वो मानुष होथे, जेला मिलथे सेवा काज।।
बेटी बेटा सबो एक हे, कभू करव झन एमा भेद।
नर नारी से बसथे दुनियाँ, बेटी बर तब कइसे खेद।।
मान हेम के कहना संगी, सब करिहौ बेटी सम्मान।
सबके बेटी एक बरोबर, झन करहूँ एकर अपमान।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़ जिला बेमेतरा
मो. नं.-9977831273

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