मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

पागा कलगी -22//11//दिलीप पटेल

नोट बंदी
थर थर कांपत हे जीवरा मोर
कहे रहेव बाई ल कि निकलबो भिनसरहा भोर
मोर सारी के हावय टीकावन
मोर होगे ग लजलजावन,
रुपिया घर के जम्मो अब होगे जी बेकार
काला धन ले बाहचे बर नवा ऊदीम करीन सरकार !
अग्घ्हन के उगेना पाख म माढे हवय लगीन
आजेच मिलही काली मिलही
दिन निकलगे जी गीन गीन
रिक्शा भाडा, मोटर के किराया
का के लाडू बटासा ल मंगवावन
मोर होगे ग लजलजावन,
रुपिया घर के जम्मो होगे अब बेकार
काला धन ले बाहचे बर नवा ऊदीम करीन सरकार !
बाई के गुस्सा बमकत हवय
हरके बरजे ले नई मानय
कहेव कि रुपिया बंद होगे,
मोरेच ऊपर दोष ल लानय
घेरी घेरी मिस काल आवत हे साढू मन के
हम कैसे फोन ऊठावन
मोर होगे ग लजलजावन,
रुपिया घर के जम्मो होगे अब बेकार
काला धन ले बाहचे बर नवा ऊदीम करीन सरकार !
पारा परोसी हाल सबो के मोरेच कस सब रोवत हे
बिन पताल के साग चूरत हे ठक ठक ले करसुल म खोवत हे
चटनी मिरचा म दिन पहाके
भईगे पसिया भर ल पसावन
मोर होगे ग लजलजावन,
रुपिया घर के जम्मो होगे अब बेकार
काला धन ले बाहचे बर नवा ऊदीम करीन सरकार !
चार पैईसा सकलाये रहीस ऊहू बैंक म हो गे हे जमा
बदनामी ससुरार म होही मै का रौती करव जी कामा
खावत बने न ऊछरत बने
बिन जेवन के मोर अदावन
मोर होगे ग लजलजावन,
रुपिया घर के जम्मो होगे अब बेकार
काला धन ले बाहचे बर नवा ऊदीम करीन सरकार !
दिलीप पटेल बहतरा , बिलासपुर
मो.न. ८१२०८७९२८७

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