मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

पागा कलगी -22//13// विजेंद्र वर्मा अरमान

🙏🏻नोट बंदी🙏🏻
कोनो मांगत हे उधारी,
कतको झन देवत हे गारी,
महु खड़े हौ संगी लाइन मा
कतका जुवर आही फेर मोर बारी।
सिरतोन गोठ ये संगी,
नोहय गोठ लबारी,
नोट बंदी होय हे तबले,
करत हौ काम बेगारी।
का संझा का बिहनिया,
लगावत हौ बैंक के फेरा,
नोट भंजाय के चक्कर म,
डाले हौ इहिच मेर डेरा।
बड़का नोट ल धरे हौ,
तभो ले खिसा लागत हे सुन्ना।
जईसने पहिरे हव,
कुरता पेंठ जुन्ना जुन्ना।
पीरा समझईया कोनो नईये,
छुट्टा मारत हे उदाली,
फेर कतको झन काहत हे,
मोदी ल झन देवव जी गारी।
विजेंद्र वर्मा"अनजान
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
 विजेंद्र वर्मा अरमान
 तिल्दा जिला बलौदा बाजार
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