शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

पागा कलगी -24//10// एस•एन•बी•"साहब"

मोर बाबा के महिमा हे अपार
रे मनखे लेले आशीष बारंबार
सत् के संदेश देवत जिनगी ह बीतिस
ज्ञान के प्रकाश चारो कोति ह बिगरिस
मन झन हो तै उदास
होही चारो कोति ह उजियार
जात-पात छुआछूत मा झन उलझव
मनखे-मनखे ला एकसमान समझव
न कोनो छोटका न कोनो बडका
संगी बनके जिनगी ला लगावव पार
माँस-मदिरा ला कभू हाँथ झन लगावव
अज्ञानता ला जिनगी ले दूर भगावव
सबो बर दया रहे
बड़ सुंदर पाए हस तै संसार
 एस•एन•बी•"साहब"
रायगढ़

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