शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

पागा कलगी -23//8//आर्या प्रजापति

विषय - वाह रे आतंकवाद
विधा - तुकांत
मानुस के तै भैस धरइया,
सैनिक ल धोखा देके मरइया।
सबके आखी म आंसु डरइया,
तुहर नई हे का ददा अउ भईया।
रही-रही वार करे पल्लोखिया,
तै का जानबे दर्द ल परदेसिया।
पर के बुध के बात मनइया,
नई हे तुहर घर म पीये बर पसइया।
रोक ले अपन आप ल जिनगी संवर जाही,
रोआ के तुमन ल का मिलही।
संभल जा नही त जान नई बचही,
जमीन त जमीन कफन घलो नई मिलही।
कउआ अउ चिल के नाश्ता हरव,
थोकन तो भगवान ल डरव।
कभुं तो अपन फर्ज ल जानव,
धर्म अउ जात-पात ल झन बाटव।
भाई- भाई हरन सबो झन ल मत लडा़व,
लफ ले टांग ल झन अडा़व।
हाथ ल कखरो खुन ले मत रंगव,
जादा झन करव तुहर साख उखाड़ डरव।
का तै बाटबे हमन ल जात-पात म,
खड़े हे सबो झन हमर साथ म।
झन तै उड़ अतेक आसमान म,
परबे हमरो सपेटा आ जब औकात म।
आर्या प्रजापति
मो. नं. -9109933595
गांव - लमती (सिंगारपुर)
जिला - बलोदाबजार

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