मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

पागा कलगी -22//14//गुमान प्रसाद साहू

विषय - नोटबंदी
विधा - दोहा म परयास
शिर्षक - नोटबंदी ग देस म
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नोट बंदी ग देस में,
करीस जब सरकार।
जमा खोरो के मन में,
मचीस हाहाकार।।
नोट बंदी सरकार के,
हे कारगर उपाय।
भ्रष्टाचार जेकर ले,
पुरा खतम हो जाय।।
नोटबंदी ग होय ले,
जमा खोर कउवाय।
का करबो अब नोट के,
समझ घलो नइ पाय।।
रखे रिहीन करिया धन,
घर में लोग लुकाय।
पकराय के सब डर से,
नदि म नोट बोहाय।।
भरे रिहीन हे घर में,
नोटों के अम्बार।
काला धन जमा करके,
भरे रिहिस भंडार।।
नोट बंदी के चलीस,
सरकारी अभियान।
काला धन रखईया मन,
होगे ग परेशान।।
नोट बदली करे बर,
लोगन खड़े कतार।
बैंक मुहाटी हे लगे,
लोगन के भरमार।।
नोटबंदी होये ले,
बड़े नोट बेकार।
गुल्लक ल तोड़ निकाले,
चिल्लर के भरमार।।
रचना :- गुमान प्रसाद साहू
ग्राम-समोदा(महानदी)
मो. :- 9977313968
जिला-रायपुर छ.ग.

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