विषय - वाह रे आतंकवाद
विधा- हरिगितीका छंद-------------------------------------
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।
महामारी कस फैलत हवे, दुनिया म जे रोग हे।।
विधा- हरिगितीका छंद-------------------------------------
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।
महामारी कस फैलत हवे, दुनिया म जे रोग हे।।
हमरे घर आके ये बैरी, आतंक भारी करे।
जेन मंदिर मस्जिद के घलो, चिनहारी नही करे।।
रोजे ये मन फैलावत हवे, आतंक के रोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।1।।
जेन मंदिर मस्जिद के घलो, चिनहारी नही करे।।
रोजे ये मन फैलावत हवे, आतंक के रोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।1।।
जेन पतरी म खाये बैरी, उहीला छेदा करे।
आतंक के खंजर घोंपके, छाती म बेधा करे।।
येमन रोज ग लगावत हवे, आतंक के जोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।2।।
आतंक के खंजर घोंपके, छाती म बेधा करे।।
येमन रोज ग लगावत हवे, आतंक के जोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।2।।
हमला करे छूपके बैरी, सीमा के जवान पे।
खेलथे रोज ये मन कतको, निरदोस के जान पे।।
तभो ले सबो जी चुप बइठे, भारी ग संजोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।3।।
खेलथे रोज ये मन कतको, निरदोस के जान पे।।
तभो ले सबो जी चुप बइठे, भारी ग संजोग हे।
वाह रे आतंकवाद कहे, दुनिया म सब लोग हे।।3।।
रचना :- गुमान प्रसाद साहू
ग्राम-समोदा (महानदी)
मो. :- 9977313968
जिला-रायपुर छग
ग्राम-समोदा (महानदी)
मो. :- 9977313968
जिला-रायपुर छग
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