बुधवार, 14 दिसंबर 2016

पागा कलगी -23//1//आशा देशमुख

विषय ...वाह रे आतंकवाद
विधा ......नवगीत
डूबगे भुइयाँ लहू मा राम अउ रहमान के |
कोन बाँटे जात ला अउ
कोन बैठे बाट मा ,
क़ोन तउले हे तराजू
कोन आवय हाट मा ,
खेल सब मनखे करे अउ नाव ले भगवान के |
बाढ़गे हावय सुवारथ
पाप मारय प्रीत ला ,
नैन मा पानी नही
बानी कहे का गीत ला ,
लोभ इरखा मन सबो बैरी मया के प्रान के |
वाह रे आतंक तोरे
राज सब कोती हवे ,
साँच ला करथस लबारी
माथ हा डर से नवे ,
झूठ लाखों मा बिके कौड़ी नही कुरबान के |
का मिले आंतक से
अपराध बिन मनखे मरे ,
अब भुलावव द्वेष ला
तब सुख सबो कोती भरे ,
का कहे गीता पढ़व पन्ना पढ़व कुरआन के ||
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
14 .12.2016 बुधवार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें