मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

पागा कलगी -24//9//आशा देशमुख

विषय --गुरू घासीदास के संदेश
पंथी गीत ..
मन भाखा बोली कोंदी होगे मोरे बाबा
तन जीभिया नादान ,
कइसे करव गुणगान,
अंतस ज्ञान जगाई दे ,मोरे गुरू गुणखान |
अंतस ज्ञान जगाई दे |
बाबा घासीदास गुरू सत के अवतारी हो ,
सत के अवतारी |
चारो कोती सत गूंजे महिमा हे भारी हो ,
महिमा हे भारी |
मोरे मति हे अज्ञान ,
कइसे करहव बखान ,
अंतस ज्ञान जगाई दे ,मोरे गुरु सतवान ,अंतस ज्ञान जगाई दे |
सत्य प्रेम दया मया रद्दा के रेंगइया हो ,रद्दा के रेंगइया |
छुआ छूत जाति धरम कांटा के बहर इया हो ,कांटा के बहरइया |
मैं तो दुरगुन खदान ,
कइसे करव गुणगान ,
अंतस ज्ञान जगाई दे ,मोर गुरु हे महान |
अंतस ज्ञान जगाई दे |
तोला बाबा एक दिखय सबो जीव प्राणी हो ,
सबो जीव प्राणी |
बघवा अउ मिरगा पीये ,एक घाट पानी हो ,
एक घाट पानी |
मोरे जुच्छा गुमान ,
कइसे करय गुणगान ,
अंतस ज्ञान जगाई दे ,बाबा सत के कमान |
अंतस ज्ञान जगाई दे |
तोरे जस बाढ़य बाबा पुन्नी कस चंदा हो ,
पुन्नी कस चंदा |
गुरू ब्रम्हा बिष्णु शिव काटय भव के फंदा हो ,
काटय भव के फंदा |
मैं अमावस शैतान ,
कइसे करव गुणगान ,
अंतस ज्ञान जगाई दे ,मोरे गुरू दिनमान |
अंतस ज्ञान जगाई दे ,मोरे गुरू सतवान ,
अंतस ज्ञान जगाई दे |
आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा
24 .12.2016 शनिवार

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