मंगलवार, 6 दिसंबर 2016

पागा कलगी -22//8//आचार्य तोषण चुरेन्द्र

(१)
नोटबंदी के होयले ,सुधरत हवय जहान ।
देखलेबो एक दिन अउ,होत भारत महान ।।
होत भारत महान,सफलता पक्ती चढके ।
बढा पग तै आघू,हांथ मशाल जी धरके ।।
सुन तोषण के बात,भरव कर जल्दी जल्दी ।
झन रख तै अपन कर,होत हे अब नोटबंदी ।।
(२)
तरवा ल बइमांन धरे,करनी करके रोय ।
बिलइ जइसे ताकत हे,जब नोटबंदी होय ।।
जब नोटबंदी होय,भ्रष्टा ल हटाय बर ।
बने रद्दा म चलव,बुझत दीया जलाय बर ।।
झन लुका रख पइसा,ते रे छानी परवा ।
हजार पांच नोट म,पोछते रहिबे तरवा ।।
© ®
आचार्य तोषण चुरेन्द्र
धनगांव डौंडी लोहारा

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