मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

पागा कलगी -24//8//कौशल साहू "फरहदिया"

विषय - गुरु घासीदास के संदेश
विधा - पंथी गीत
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@ गुरु के संदेश @
मोर गुरु के संदेशा, सब ला झकझोरे।
सतनाम के दीया बारके, दुनिया ल अंजोरे।
1 जनम धरे अउ तप करे
पावन गिरौद धाम म।
सतनाम के तैं पुजेरी
सादा धजा जइत खाम म ।।
मंगलू मंगलीन बेटा पाके, जोड़ा नरियर फोरे।
मोर गुरु के..................
2 रंग रूप करिया गोरिया
नजर बनाके देख झन।
नोहय कोनो खातू कचरा
घुरवा म कोनो ल फेंक झन।।
छुआछूत अउ ऊंच नीच के, भीथिया ल तैं टोरे।
मोर गुरु के.............
3 झन जा मंदिर देवाला
हिरदय म भगवान रे।
चिरई चांटी हाथी मिरगा
सबके एक परान रे।।
समरसता के घाट म, सब ला तंय चिभोरे।
मोर गुरु के...................
4 मंद मउहा पी के मत मातव
जुवा चित्ती मत खेलव।
झुठ लबारी चोरी हारी म
दुध भात मत झेलव।।
मेहनत के परसादी म, तंय खाले बासी - बोरे।
मोर गुरु के............
5 पर नारी ल बेटी माई
अपने बरोबर मानव।
सबो जीव के दुख पीरा ल
अपने बरोबर जानव।।
अरज करत हे 'कौशल' तोरे, दसो अंगुरिया जोरे ।
मोर गुरु के.................
6 सतनाम अमरीत बरोबर
सत आगी म जरय नही।
सतनाम ल तंय सुमर ले
सत पानी म सरय नहीं।।
सतनाम के हीरा छोड़ के, पथरा ल बटोरे।
मोर गुरु के.................

रचना :- कौशल साहू "फरहदिया"
गांव /पोस्ट - सुहेला
जिला - बलौदाबाजार - भाटापारा
पिन कोड 493195 (छ ग)

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