गुरू घासीदास के संदेश
विधा~कविता
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान,
परमारथ बर तरिया कोड़ेच,
सुवारथ के रद्दा तै छोड़ेच,
सतनाम के अलख जगायेच,
बगरायेच चारों मुड़ा गियान।
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
विधा~कविता
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान,
परमारथ बर तरिया कोड़ेच,
सुवारथ के रद्दा तै छोड़ेच,
सतनाम के अलख जगायेच,
बगरायेच चारों मुड़ा गियान।
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
ऊंच नीच म फरक मिटायेच,
शोषित दलित के संग ते आयेच।
जाति धरम बटईयां मन ल,
सतनाम के तै पाठ पढ़ायेच।
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
शोषित दलित के संग ते आयेच।
जाति धरम बटईयां मन ल,
सतनाम के तै पाठ पढ़ायेच।
घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
माटी के चोला माटी म समाही,
मानुष तन ह लहुट के नई आही,
बाबा तेंहा पारे हस गोहार,
अईसन हमन ल सीख देवईया,
अमरौतिन अऊ मंहगू के तै लाल।
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
मानुष तन ह लहुट के नई आही,
बाबा तेंहा पारे हस गोहार,
अईसन हमन ल सीख देवईया,
अमरौतिन अऊ मंहगू के तै लाल।
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
पथरा पूजे ले काही नई मिलय,
बिना करम के फूलों नई खिलय।
छुवाछुत ल घुना कीरा बतायेच,
मनखे के दुख पीरा ल बिसरायेच,
सतनाम के अईसन अलख जगायेच,
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
बिना करम के फूलों नई खिलय।
छुवाछुत ल घुना कीरा बतायेच,
मनखे के दुख पीरा ल बिसरायेच,
सतनाम के अईसन अलख जगायेच,
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।
सतनाम भजही तेकर जिंनगी ह तरही,
मिटही दुख पीरा जेन ह नाव ल जपही।
साँस के फाँस निकल जही मनवा,
सत्य नाम के अलख जेन जगा जगही,
कतेक सुग्घर तै संदेश सुनायेच।
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।।2
मिटही दुख पीरा जेन ह नाव ल जपही।
साँस के फाँस निकल जही मनवा,
सत्य नाम के अलख जेन जगा जगही,
कतेक सुग्घर तै संदेश सुनायेच।
मोर घासी दास बाबा तोर कतका करव बखान।।2
पागा कलगी बर मोर नानकुन प्रयास
विजेंद्र वर्मा"अनजान
ग्राम~नगरगाँव
जिला~रायपुर
विजेंद्र वर्मा"अनजान
ग्राम~नगरगाँव
जिला~रायपुर
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