छत्तीसगढ़ के पागा कलगी क्र.2 बर रचना
करम मोला गढ़ना हे
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल,
करम मोला गढ़ना हे !
मोला पढ़े लिखे ल नई मिलत हे ,
मोर बहिनी ल तो पढ़ाना हे !!
करम मोला गढ़ना हे !
मोला पढ़े लिखे ल नई मिलत हे ,
मोर बहिनी ल तो पढ़ाना हे !!
ददा निकले मंदहा ,
ओकर नईहे कोनो ठिकाना !
छत्तीसगढ़ मंद म मोहाये ,
सरकार ल कोनो तव बताना !!
पढ़बो त आघु बढ़ो ,
इसकुल के भिथिया म लिखाये !
कतको जगा अभी ले छत्तीसगढ़ म ,
बाल मजदूरी के महुरा घोराये !
फेर मोला नईहे संसो ,
बिन हिचके ये अढ़वा करना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!१!!
ओकर नईहे कोनो ठिकाना !
छत्तीसगढ़ मंद म मोहाये ,
सरकार ल कोनो तव बताना !!
पढ़बो त आघु बढ़ो ,
इसकुल के भिथिया म लिखाये !
कतको जगा अभी ले छत्तीसगढ़ म ,
बाल मजदूरी के महुरा घोराये !
फेर मोला नईहे संसो ,
बिन हिचके ये अढ़वा करना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!१!!
चोरी करे नक्सली बने ले ,
बढ़िया पान बेंचाई !
मया के ददरिया गा के ,
होथे सबके मुंह रंगाई !!
आ जाथे दू पईसा पापी पेट ल भरे बर !
भुड़भुड़िया घलो म डारथौं , मोर बहिनी के पढ़े बर !!
कोनो तव बतावव सरकार ले ,
नक्सली बने छाती के अघौना !
हमर धान कटोरा भुंईया के ,
जगा जगा निमस होत हे येहू ल तो जनना !!
एकर आघु म मोर पिरा नानकुन ,
करेजा मोर छटपटात हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!२!!
बढ़िया पान बेंचाई !
मया के ददरिया गा के ,
होथे सबके मुंह रंगाई !!
आ जाथे दू पईसा पापी पेट ल भरे बर !
भुड़भुड़िया घलो म डारथौं , मोर बहिनी के पढ़े बर !!
कोनो तव बतावव सरकार ले ,
नक्सली बने छाती के अघौना !
हमर धान कटोरा भुंईया के ,
जगा जगा निमस होत हे येहू ल तो जनना !!
एकर आघु म मोर पिरा नानकुन ,
करेजा मोर छटपटात हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!२!!
संगी जहुंरिया जाथें पढ़े ल ,
मैं आथवं अपन भभिस गढ़े ल !
दाई के दुलार बर तरसथन ,
खावत खानी भात ल हिचकथन !!
जाड़ म ओढ़थन सुरता के ओढ़ना !
बादर के छानी बने गली घोर म होथे रहना !!
काबर नई आ जवय हमर महतारी सरग घलो ल फांद के !
मोर बहिनी दूध पिये बर लुलवाथे चुलुक के गठरी ल बांध के !!
आँखी के धार नई रूकय ,
तभो मोला धिरज नई छोड़ना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!३!!
मैं आथवं अपन भभिस गढ़े ल !
दाई के दुलार बर तरसथन ,
खावत खानी भात ल हिचकथन !!
जाड़ म ओढ़थन सुरता के ओढ़ना !
बादर के छानी बने गली घोर म होथे रहना !!
काबर नई आ जवय हमर महतारी सरग घलो ल फांद के !
मोर बहिनी दूध पिये बर लुलवाथे चुलुक के गठरी ल बांध के !!
आँखी के धार नई रूकय ,
तभो मोला धिरज नई छोड़ना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!३!!
टुटहा चप्पल मईलहा कुरथा बनगे मोर निशानी !
करियागे देंह नई होवय अबिरथा
हमर ये जिनगानी !!
चारो मुड़ा रिक्सा के ठिनिन- ठानन ,
गाड़ी मोटर के पोंप पोंप !
आरो परदूसन म जियत हन ,
कान म कपसा ल डार के तोप !!
बड़े-बड़े महल अटारी नईहे दया धरम ग !
मुंह ल देख के अईंठ लेथैं नईहे एको मया मरम ग !!
हमला ककरो सोक पिरा नई चाही ,
हमला अपन बल म जिना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!४!!
करियागे देंह नई होवय अबिरथा
हमर ये जिनगानी !!
चारो मुड़ा रिक्सा के ठिनिन- ठानन ,
गाड़ी मोटर के पोंप पोंप !
आरो परदूसन म जियत हन ,
कान म कपसा ल डार के तोप !!
बड़े-बड़े महल अटारी नईहे दया धरम ग !
मुंह ल देख के अईंठ लेथैं नईहे एको मया मरम ग !!
हमला ककरो सोक पिरा नई चाही ,
हमला अपन बल म जिना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!४!!
नानकुन जीव ल पिठ म लादे ,
फेरी मारत गिंजरत रईथवं पान ल बिसाले !
कथ्था कपुरी बंगला पान लऊंग लईची डरवाले ,
तैं नई खावच त बाबू ,
अपन गड़ी ल खवादे !!
बड़ मयारू हमर छत्तीसगढ़ ,
पागा कलगी ल बंधवाले !
समरपन करे नकसली के बिहाव करिन पुलिस ,
अर ओहू म नचवाले !!
हम छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ,
सब जगा मया के संदेस फईलाना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!५!!
फेरी मारत गिंजरत रईथवं पान ल बिसाले !
कथ्था कपुरी बंगला पान लऊंग लईची डरवाले ,
तैं नई खावच त बाबू ,
अपन गड़ी ल खवादे !!
बड़ मयारू हमर छत्तीसगढ़ ,
पागा कलगी ल बंधवाले !
समरपन करे नकसली के बिहाव करिन पुलिस ,
अर ओहू म नचवाले !!
हम छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ,
सब जगा मया के संदेस फईलाना हे !
गढ़िस बिधाता मोर भाग ल ,
करम मोला गढ़ना हे !!५!!
( जय जोहार , जय छत्तीसगढ़ )
✍असकरन दास " अतनुजोगी "
ग्राम : डोंड़की ( बिल्हा ) बिलासपुर ( छग )
मो.नं. : 9770591174
Gmail : atnujogi@gmail.com
ग्राम : डोंड़की ( बिल्हा ) बिलासपुर ( छग )
मो.नं. : 9770591174
Gmail : atnujogi@gmail.com
बहुत बढ़िया रचना
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