रविवार, 3 जनवरी 2016

पागा-कलगी" क्र-1/। बदलाव नवा साल मा -श्री ललित कुमार साहू

"छत्तीसगढ के पागा-कलगी" क्र-1 बर प्राप्त रचना
" बदलाव नवा साल मा "-रचनाकार -श्री ललित कुमार साहू
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" बदलाव नवा साल मा "
पहली बछर मे बछवा मर गे
दुसर बछर बित गे बछिया
आंसू तर-तर बोहात ग्वाल के
नई हे कोटना मे पानी पसिया
कुकुर बिलई के दिन हरिया गे
गरहन धरे हे गौ साल मा
तिही बता गिरधर गोपाल
का बदलंव नवा साल मा
नवा बछर मे सब माते हावे
का जापान का चीन रसिया
किसान रोवत हे मुड धर के
बिन पानी खेत परे हे परिया
अलकरहा गाना मे बेसुध नाचे
चौसर बिछे हे चौपाल मा
तिही बता गिरधर गोपाल
का बदलंव नवा साल मा
लईका पढाय बर सियान दबे हे
जेवर गहना धर कर्ज उधार मा
फेर लईका परबुधिया भुलाय हे
पुस्तक छोंड मया संसार मा
उघरा तन परगट देखात हे
मुहु बांधे हे फरिया रुमाल मा
तिही बता गिरधर गोपाल
का बदलंव नवा साल मा
कुकरी पोसत हे तिंवरा बोय कस
फंदोत हे मछरी गरी जाल मा
अपन संस्कृति ला छोंड सब
मोहा गेहे पश्चिम के चाल मा
सिधवा सब छत्तीसगढ़ीया मईनखे
परदेशी कोलिहा हे शेर खाल मा
तिही बता गिरधर गोपाल
का बदलंव नवा साल मा ।।
रचना - ललित कुमार साहू
छुरा / जिला - गरियाबंद ( छ.ग.)
मो.नं.- 9993841525

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