रविवार, 17 जनवरी 2016

देख देख ये फोटु ला-- रमेश चौहान

देख देख ये फोटु ला, पारत हे गोहार ।
बीता भर लइका इहां, गढ़त हवय संसार ।।

लादे अपने पीठ मा, नान्हे भाई छांध ।
राखे दूनो हाथ मा, पाने ठेला बांध।।
दूनो झन के पेट बर, बोहे जम्मा भार । देख देख ये फोटु ला...

अइसन का पीरा हवय, ओखर आंखी देख ।
कहां ददा दाई हवय, दिखे भाग के लेख ।।
आंसु धरे अनाथ मनन, होय आज लाचार । देख देख ये फोटु ला...

मात देत हे काल ला, लइका के ये सोच ।
करम बड़े अधिकार ले, दूसर ला झन नोच ।।
भीख कटोरा ना धरय, जांगर लय सम्हार । देख देख ये फोटु ला...

लइका के तजबीज ला, कोरा अपन उठाव ।
बनके अब दाई ददा, लव बचपना बचाव ।।
धरम करम के देश मा, होही बड़ उपकार । देख देख ये फोटु ला...

-रमेश चौहान
9977069545

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