शनिवार, 16 जनवरी 2016

बदलाव नवासाल मा....रमेश चौहान

बदलाव नवासाल मा, हमला करना एक ।
मनखे हा मनखे लगय, मनखे जइसे नेक ।

मनखे मनखे मारथे, धर जन्नत के चाह ।
वाह वाह ओमन करय, भरय जगत हा आह ।।
कोनो काबर कोखरो, राखे रद्दा छेक । बदलाव नवासाल मा....

गली खोर अउ कोलकी, करबो चाकर साफ ।
बेजाकब्जा ला इहां, करन नहीं अब माफ ।।
आत जात सब ला बनय, रहय न कोनो घेक । बदलाव नवासाल मा....

कोनो किसान मरय मत, चाहे परय दुकाल ।
बूंद बूंद पानी रखब, फसल होय हर हाल ।।
करजा बोड़ी छूटबो, कमा कमा के फेक । बदलाव नवासाल मा....

गोठ सोनहा काल के, कोठी भर भर राख ।
नवा नवा सब गोठ ले, गढ़बो अपने साख ।।
नवासाल मा फेर हम, काटब गुरतुर केक । बदलाव नवासाल मा....

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