शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016

पागा कलगी 03//देवेन्द्र कुमार ध्रुव


**** कलेवा छत्तीसगढ के *****
जेन भी खाथे छत्तीसगढ़ के कलेवा ला
ओ भुला जथे मिठाई मिश्री अउ मेवा ला
पहुना के सत्कार बर परब तिहार बर
बनथे छत्तीसगढ़ में आनी बानी पकवान
जेन दिलाथे छतीसगढ़ ला अलगे पहिचान
चाउर पिसान सन मया घोरे बनथे चीला
पताल चटनी संग अंगाकर खावै माई पीला
बटकी मा बासी संग मा आमा के अथान
लहसुन मिर्चा पिसाये सील लोढहा मा
कोदोअउ मडिया पेज के सब करे गुणगान
गुलगुल भजिया अउ बरा सोहारी
मुठिया रोटी संग मा सबके चिन्हारी
करईया हरदम ख़ुशी अउ मया के बरसा
ठेठरी खुरमी कटवारोटी अरसा
लाई चना मुर्रा,करी लाडू ला नई भुलान
जब जब कोनो तिहार के बेरा आही
जुरमिल सबो एके जगा सकलाही
पागे कतरा थारी मा सज जाही
दुधफरा के स्वाद ला कोन भुलाही
मन गदगद होथे जब जाथे ओती धियान

रचना
देवेन्द्र कुमार ध्रुव बेलर
(फुटहा करम)
9753524905

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