(छत्तीसगढ़ के पागा कलगी क्रमांक-3 बर रचना💐💐)
🍱🍪कलेवा छत्तीसगढ़ के🍪🍱
गुरतुर गुरतुर बोली हमर,
बड़ गुरतुर हमर करेजा,
छत्तीसगढ़िहा मन के बढ़िहा,
नई हन जी हमन अड़हा।
सिधवा होथन हमन संगी,
बड़ मानथन मीत मितनवा,
डेहरी म पहुना के रद्दा देखत,
बइठथन संझा बिहनवा।
नेवता नेवतत हंव झारा झारा,
कर लेतेव कहि के सेवा,
तुंहरेच खातिर मोर मयारू,
छानत हे किसम किसम के कलेवा।
बड़ गुरतुर हमर करेजा,
छत्तीसगढ़िहा मन के बढ़िहा,
नई हन जी हमन अड़हा।
सिधवा होथन हमन संगी,
बड़ मानथन मीत मितनवा,
डेहरी म पहुना के रद्दा देखत,
बइठथन संझा बिहनवा।
नेवता नेवतत हंव झारा झारा,
कर लेतेव कहि के सेवा,
तुंहरेच खातिर मोर मयारू,
छानत हे किसम किसम के कलेवा।
बड़ सुहाथे हमर इंहां के कलेवा,
गुरतुर गुरतुर जइसन मेवा,
किसम किसम के पाबे संगी
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
गुरतुर गुरतुर जइसन मेवा,
किसम किसम के पाबे संगी
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
ठेठरी, खुरमी गजब सुहाथे,
सुहाथे गोंदली बेसन के भजिया,
किसम किसम के पाबे संगी
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
सुहाथे गोंदली बेसन के भजिया,
किसम किसम के पाबे संगी
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
बिड़िया पोपचि अउ डेहरौरी,
हेबय गजब येमन मोहलेवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
हेबय गजब येमन मोहलेवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
चिला फरा अउ अंगाकर रोटी,
चलथे जी हमर रोजे जोरदरहा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
चलथे जी हमर रोजे जोरदरहा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
चौसेला, सोंहारी चेम्मर होथे,
बोबरा होथे जी बड़ गुलगुलवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ में कलेवा।
बोबरा होथे जी बड़ गुलगुलवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ में कलेवा।
अइरसा के तो बाते झन पूछ,
खाबे सुग्घर मन भर लसलसवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
खाबे सुग्घर मन भर लसलसवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
लाडु बरा ला चाब के खाबे,
तिरबे सप सप तसमई के सुरवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
तिरबे सप सप तसमई के सुरवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
मीठ म बालुसायअउ रसगुल्ला,
पाबे नुनछुर म अड़बड़ कटेवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
पाबे नुनछुर म अड़बड़ कटेवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
मिरचा भजिया गजब मिठाथे,
संग मिलथे अमटाहा सुरवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
संग मिलथे अमटाहा सुरवा,
किसम किसम के पाबे संगी,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
मया पिरित ल घोर के बनाथन,
पहुना बर पूजथन जइसे देवा,
हिरदय के भाव मिले तय पाबे ,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पहुना बर पूजथन जइसे देवा,
हिरदय के भाव मिले तय पाबे ,
मोर छत्तीसगढ़ म कलेवा।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
रचना रचइया.........✍
🙏✏ललित टिकरिहा✏🙏
१४-०२-२०१६
१४-०२-२०१६
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